कस्बे में रोजाना हो रही अपराधों में वृद्धि: किराएदारों का मकान मालिक नहीं करा रहे सत्यापन
खैरथल (हीरालाल भूरानी) राज्य सरकार के निर्देश अनुसार मकान मालिकों को किराएदार की सूचना पुलिस को देकर सत्यापन कराना और पुलिस वालों को भी किसी घर, होटल या धर्मशाला में बाहर से आकर रहने वालों की जानकारी जरूर होनी चाहिए लेकिन मकान मालिकों द्वारा किराएदारों का सत्यापन नहीं कराया जा रहा है ।जिसकी वजह से रोजाना कस्बे में अपराधों में वृद्धि हो रही है।
खैरथल कस्बा सहित आसपास के इलाकों में दूरदराज से आने वाले लोग बसर कर रहे हैं लेकिन किराएदारों का किसी ने भी सत्यापन कराना मुनासिब नहीं समझा। अकेले खैरथल में हजारों की संख्या में मजदूर कार्य कर रहे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से कस्बे की नई अनाज मंडी, रीको औद्योगिक क्षेत्र, हलवाईयों के कारखाने आदि स्थानों पर बाहरी लोग कार्य करते देखे जा सकते हैं। अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस की ओर से किराएदारों का सत्यापन का नियम बना रखा है लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही है। थाना प्रभारी अंकेश कुमार ने बताया कि पिछले दिनों सीएलजी की बैठक में सभी सदस्यों को गांव और कस्बों में घूम कर सत्यापन कराने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए कहा गया था। वैसे भी वे स्वयं भी घूम कर मालिकों से संपर्क कर किराएदारों का सत्यापन कराने व पुलिस को सूचना देने की जरूरत बताते हैं। उन्होंने बताया कि थानों में किराएदार सत्यापन पत्र उपलब्ध है। इसमें मकान मालिक और किराएदार को वांछित सूचना भरकर पुलिस को देने का प्रावधान है। पुलिस किराएदार की ओर से दी गई सूचना से संबंधित थानों से सत्यापन कराती है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
विदित होगा अकेले खैरथल कस्बे में बिहार, बंगाल और यूपी के अनेक लोग विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। बाहर से आए लोगों ने उपखण्ड के गांव व कस्बों में मकान किराए पर ले रखे है लेकिन पुलिस के पास उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। यदि इनमें से कोई अपराध करके यहां से फरार हो जाए तो उसे तलाश करने के लिए पुलिस को मुश्किल का सामना करना पड़ता है।