गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में मकराना रहा बंद, राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
टायर जलाकर किया विरोध, सर्व समाज के लोग रहे मौजूद
मकराना (मोहम्मद शहजाद)। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद राजपूत समाज में खासा आक्रोश दिखाई दे रहा है। विरोध के रूप में प्रदेश भर में सर्व समाज के आव्हान पर राजस्थान बंद है। इसी के तहत मकराना में भी राजपूत समाज के समर्थन में सर्व समाज की ओर से बंद का आव्हान किया गया जिसका समर्थन करते हुए सभी व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखें। वही मकराना प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी इस बंद का समर्थन किया है। इस दौरान शहर के सदर बाजार स्थित विजय पैलेस चौक में सर्व समाज के लोग इक्कठे हुए और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। उसके पश्चात उन्होंने सुखदेव सिंह की हत्या का विरोध करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदेश के डीजीपी को हटाने, आरोपियों को फांसी देने, परिवार में किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
उसके पश्चात सभी एकजुट होकर उपखंड कार्यालय पहुंचे जहां उपखंड अधिकारी जेपी बैरवा को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने अवगत कराया की सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की सूचना पहले से थी, लेकिन पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए कोई कार्यवाही नहीं की। बार बार सुरक्षा की मांग करने पर भी पुलिस ने उन्हें सुरक्षा नही दी। शहर के सदर बाजार से उपखंड कार्यालय पहुंचने तक शहर के विभिन्न स्थानों पर टायर जलाकर व नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया गया। इस दौरान ठाकुर मोहनसिंह चौहान, कुंवर सूर्यवीर सिंह चौहान, नगर परिषद के उप सभापति अब्दुल सलाम भाटी, दिलीप सिंह चौहान, नारायण सिंह मिंडकिया, पार्षद शक्ति सिंह चौहान, करणी सेना के जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह चौहान, तहसील अध्यक्ष नन्द सिंह चौहान, भोम सिंह चौहान, पार्षद मोहम्मद इरशाद गैसावत, मोहम्मद नदीम गैसावत, पार्षद मोहम्मद असलम चौधरी, पार्षद इफ्तेखारुद्दीन गैसावत, हाजी सजाउद्दीन उर्फ लाडूजी गैसावत, बिरदाराम नायक, महेंद्र रांदड, रणजीत सिंह जूसरी, अजय सिंह पंवार गुणावती, पुष्पेंद्रसिंह राठौड़ गुणावती, शेरू भाटी, सय्यद मोहम्मद आरिफ, फूलचंद परेवा, एडवोकेट मोहम्मद शरीफ चौधरी, अब्दुल हमीद टांक, एडवोकेट शेख अनवर अली, हाजी गुलाम रसूल सिसोदिया सहित सर्व समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।