लघु काशी के नाम से विख्यात एवं श्री श्री 1008 श्री बाबा मनोहर दास जी महाराज की तपोस्थली कस्बा वैर में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अन्तिम दिन भक्ति रस में श्रोतागण हुए भाव विभोर
वैर .....लधु काशी के नाम से विख्यात एवं श्री श्री 1008 श्री बाबा मनोहरदास दास जी महाराज की तपोस्थली कस्वा वैर में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन परम पूज्य महन्त सियाराम दास जी महाराज के सानिध्य एवं परमाराध्य सन्त प्रवर श्री श्री 1008 श्री बाबा मनोहरदास दास जी महाराज की 65 वीं पुण्यस्मृति महोत्सव के उपलक्ष्य में श्री श्री1008 श्री बाबा मनोहरदास जी महाराज मन्दिर परिसर में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन रविवार को हुआ। कथा के अन्तिम दिन आचार्य हरेन्द्रानंद जी महाराज ने भगवान को 16 हजार विवाहों की कथा, जरासंध वध, सुदामा चरित्र,24 गुरुओं की कथा एवं सात दिवसीय कथा का संक्षिप्त विवरण व सुखदेव विदाई की कथा का भक्तों को रसपान कराया। सुदामा चरित्र कथा के माध्यम से भक्तों को दोस्ती की मिसाल का भाव पूर्ण वर्णन किया। श्रीमद् भागवत कथा का 7 दिन नियमित रूप से श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है। एवं पुण्य के भागी होते हैं। श्री मद् भागवत ज्ञान कथा के समापन होने के बाद सोमवार को भंण्डारे का आयोजन किया गया श्री श्री 1008 श्री बाबा मनोहर दास जी महाराज मन्दिर ट्रस्टी राजबहादुर नगायच ने बताया कि भंण्डारा कार्यक्रम में कस्वाबासी बड़े हर्षोल्लास पूर्वक भंण्डारा कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। भण्डारा कार्यक्रम में कोई जात पात, ऊंच नीच का भेद न करते हुए सिर्फ और सिर्फ आस्था का केन्द्र मानकर कार्य किया जा रहा है। कार्यकारिणी सदस्य भी तन्मयता से अपना-अपना कार्य करने की भागेदारी निभाने में लगे हुए हैं।