विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को
लक्ष्मणगढ़ (अलवर)
भारत एक ऐसा देश है। जहां बातचीत के लिए कई तरह की भाषाओं का प्रयोग किया जाता है। लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है जो ज्यादातर भारतीयों को एक डोर में जोड़े रहती है।हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है जो ‘अ’ अनपढ़ से शुरू होती है,
और ‘ज्ञ’ ज्ञानी बनकर समाप्त होती है।
शिक्षा विद डॉक्टर पंडित हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे बोलने और समझने में कोई परेशानी नहीं है।आज के समय में भले ही ज्यादातर लोगों का झुकाव अंग्रेजी की तरफ हो गया है। पर वर्तमान समय में भी भारत में राजभाषा और आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी को ही पहचाना जाता है। हिंदी भाषा भारत के साथ-साथ विदेशों में बसे भारतीयों को भी अपनी एक अलग पहचान दिलाती है। विदेशों में भी हिंदी को खास दर्जा दिलाने के लिए हर साल 10 जनवरी के दिन विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा आज भी हिंदी पूरी दुनिया में बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है।
विश्व में पहला हिंदी दिवस 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था। इस महासम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य विश्व-भर में हिंदी का प्रसार करना था। भारत के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने साल 2006 को घोषणा की थी। प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाएगा। तब से हम विश्व हिंदी दिवस बेहद धूमधाम से मनाते हैं।
हिंदी भाषा का प्रसार करने के लिए विद्यालय में बच्चों के द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर डिबेट भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। ताकि हिंदी भाषा को राष्ट्र की मातृभाषा बनाया जा सके।