नानी बाई रो कथा में दूसरे दिन भगवान श्री कृष्ण ने रचाया वृंदावन में महारास, सजी संजीवत झांकियां
गौ माता और प्राणी मात्र की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है.... महंत लक्ष्मण दास
भगवान की पूजा अर्चना करने के बाद सांसारिक वस्तुओं का त्याग करते हुए भक्ति मार्ग की कामना करें.... आचार्य विपुल कृष्ण
उदयपुरवाटी / चंवरा (सुमेर सिंह राव)
उदयपुरवाटी क्षेत्र की प्रसिद्ध श्री कृष्ण गौशाला चंवरा हीरवाना में चल रही नानी बाई रो कथा के दूसरे दिन भगवान श्री कृष्ण द्वारा वृंदावन में महारास रचाया गया।नंदी गौशाला के मीडिया प्रभारी जगदीश प्रसाद महरानियां ने बताया कि कथा में राधा कृष्ण, शंकर भगवान और भक्त नरसी की संजीवंत झांकियां सजाई गई। महारास में भगवान शंकर और भक्त नरसी भी पधारे। हजारों भक्तों ने भगवान के महारास का आनंद प्राप्त किया। महारास में भक्त नरसी ने भगवान से सांसारिक वस्तुओं का त्याग कर सिर्फ भक्ति भावना मांगी। भक्ति मार्ग का संदेश देते हुए कथावाचक विपुल कृष्ण आचार्य ने कहा कि हमें भी भगवान की पूजा अर्चना करने के बाद सांसारिक वस्तुओं का त्याग करते हुए परमात्मा से भक्ति मार्ग की कामना करनी चाहिए। सकल स्वार्थों की पूर्ति तो भगवान स्वयं अपने आप ही कर देते हैं। महंत लक्ष्मण दास महाराज ने भक्तों को उपदेश देते हुए कहा कि मनुष्य को हमेशा गौ माता की सेवा करनी चाहिए। गौ माता और प्राणी मात्र की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। निस्वार्थ भाव से की गई सेवा का हमेशा पुण्य फल प्राप्त होता है। इस दौरान मोहनदास महाराज, भोलादास, गौशाला कोषाध्यक्ष बनवारी लाल जांगिड़, शेरसिंह खटाणा, सुरेश कुमार स्वामी, रामकुमार बारवाल, एडवोकेट चंदगीराम जाखड़, मुकेश दाधीच, मदन रावत, शंकर लाल खटाणा, गिरधारी रावत, हनुमान खटाणा, दयाराम ओला, सुभाष ओला, सत्यवान, रघुवीर ओला, भाताराम रावत, राजेंद्र स्वामी, विक्रम सैनी, कन्हैया लाल रावत, गुरुदयाल रावत सहित काफी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।