गुरु गोविंद सिंह जयंती 17 जनवरी को उनके जीवन से मिलती है प्रेरणा
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
सिखों के 10वें और अंतिम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 17 जनवरी 2024 को मनाई जा रही है। उनकी जयंती को धूमधाम से मनाने के लिए जालूकी रोड स्थित कस्बे के गुरुद्वारा में गुरु गोबिंद सिंह जी का 357 वां प्रकाश उत्सव 17 जनवरी को मनाया जा रहा है।
राजू चावला अमर चावला अशोक गाबा ने बताया कि गुरु गोविंद की जयंती को प्रकाश पर्व के तौर पर मनाते हैं।
सिख धर्म को मानने वाले लोग गुरुद्वारों में एकत्र होते हैं और गुरु को याद करके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु गोबिंद ने सामाजिक समानता का समर्थन किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई के मार्ग पर चलते रहकर बिताया।
इनके पिता श्री गुरू तेग बहादुर सिंह जी सिखों के 9वें गुरू थे। गुरू गोबिंद सिंह जी के पिता ने धर्म परिवर्तन के खिलाफ खुद का बलिदान दे दिया।
गुरु गोबिंद सिंह के जीवन से मिलती है प्रेरणा
गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक रहा। कहा जाता है कि अपने पिता गुरु तेग बहादुर की शहादत के बाद मात्र 9 साल की उम्र में गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु की जिम्मेदारी ली। उन्होंने छोटी सी उम्र में ही धनुष- बाण, तलवार, भाला आदि चलाने की कला भी सीखी और फिर अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में गुजार दिया। गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें जीवन में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। चाहे परिस्थिति कितनी भी बुरी क्यों न हो। हमेशा अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए काम करते रहना चाहिए।