श्री छांपाला वाला भैंरू जी का 15 वाँ वार्षिकोत्सव समारोह 30 जनवरी को
विशाल मेला, भण्डारा व जागरण का होगा आयोजन
महिलाओं द्वारा 29 जनवरी को निकाली जायेगी विशाल कलश यात्रा
कोटपूतली।(बिल्लूरामसैनी) निकटवर्ती ग्राम कल्याणपुरा कुहाड़ा स्थित अरावली की पहाडिय़ों में बने श्री छांपाला वाला भैंरू जी मंदिर का 15 वाँ वार्षिकोत्सव समारोह आगामी 30 जनवरी को बड़े ही धुमधाम व हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जायेगा। इस मौके पर विशाल व भव्य मेला, भण्डारा व जागरण का आयोजन होगा। मेले को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। इसको लेकर पिछले एक माह से ग्रामीण जन सहयोग से भंडारे की तैयारियों में जुटे हुए है। ग्रामीण इस लक्खी मेले को इतने व्यवस्थित ढ़ंग से संपन्न कराते है कि पुलिस प्रशासन भी हैरान है। मेले में आने वाले हजारों वाहनों के लिए ग्रामीण पार्किंग की व्यवस्था तक खुद संभालते है। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास का यह मेला अद्भुत उदाहरण है। हैलीपेड से लेकर बाबा के दर्शनों के लिए जगह-जगह ग्रामीण ही वॉलेन्टियर्स के रूप में तैनात होते है। सर्वप्रथम सन् 2010 में प्रथम वार्षिकोत्सव में 70 क्विंटल चूरमे की प्रसादी बनाई गई थी। उसके बाद हर वार्षिकोत्सव पर प्रसादी के लिए बनाए गए चूरमे को बढ़ाया गया। चूरमे के लिए बनी बाटियों को थ्रेसर से पिसाई कर चूरमे में जेसीबी की सहायता से खांड, घी, काजू, बादाम, किशमिश व खोपरा मिलाया जाता है। प्रसादी के लिए बनाए जा रहे चूरमें की बाटियों को जगरे से निकालने के बाद कंप्रेसर से बाटियों की सफाई की जाती है ताकि इनमें मिट्टी व राख के कण नहीं रहे। इसके अलावा चूरमे को मिलाने के लिए भी कार्यकर्ता हाथ व पांव में पॉलिथीन पहनकर ही कार्य करते हैं। मंदिर के वार्षिकोत्सव पर सवाई माधोपुर, ग्वालियर, झालावाड़, कोटा, पीपलखेड़ा, मुरैना, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली सहित दूर-दराज से श्रद्धालु भैंरू बाबा के दर्शन करने आते हैं। मंदिर के वार्षिकोत्सव में ग्रामीण एकजुट होकर सहयोग करते हैं, वार्षिकोत्सव पर कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली, थ्रेसर, कंप्रेसर इत्यादि की सुविधा भी अपने स्तर पर ही देते हैं। धमाल कार्यक्रम में मुकेश एण्ड पार्टी जमालपुर, शिम्भू एण्ड पार्टी मूसनौता, मक्खनराम एवं शिम्भू एण्ड पार्टी ढ़ाणी बनकी पाटन, बीरबल एण्ड पार्टी देवीपुरा, अलगोजा एण्ड पार्टी, मुखराम बगड़ावत एण्ड पार्टी मूसनौता, हरिराम बोफा व ख्यालीराम हवलदार जैनपुरबास आदि कलाकार अपनी प्रस्तुति देगें। इसके अलावा भैंरू बाबा के मन्दिर पर हैलीकॉप्टर द्वारा फूलों की वर्षा आकर्षण का केंद्र रहेगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म होगें। जबकि अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक हंसराज पटेल करेगें। विशिष्ठ अतिथियों में प्रदेश के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, तिजारा विधायक महंत बालकनाथ, नगर से वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यवीर सिंह कसाना, खेतड़ी विधायक इंजी. धर्मपाल गुर्जर, विराटनगर विधायक कुलदीप धनकड़, बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत, बहरोड़ विधायक जसवंत यादव, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी, शाहपुरा विधायक मनीष यादव, माण्डल विधायक उदयलाल भड़ाना, खण्डेला विधायक सुभाष मील, पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना, पूर्व मंत्री प्रेम सिंह बाजौर व हेमसिंह भड़ाना, शकुन्तला रावत, पूर्व विधायक रामचन्द्र रावत, इन्द्राज गुर्जर, फूलचंद गुर्जर, दाताराम गुर्जर समेत बड़ी संख्या में अतिथिगण भाग लेगें।
मेले की प्रसादी बनना शुरू :- ग्राम पंचायत कल्याणपुरा कला के ग्राम कुहाड़ा, पदमा की ढ़ाणी, कल्याणपुरा कलां व पंवाला के पंच पटेलों की देखरेख में भैंरू बाबा मेले की प्रसादी के लिए 100 क्विंटल आटे की बाटीयां तैयार की जा रही है। जिसमें 50 क्विंटल सूजी, 08 क्विंटल काजू बादाम, 50 क्विंटल दूध, 70 क्विंटल शक्कर का मिश्रण करके बनाई जाती है। इसके बाद इन बाटियों का चूरमा बनाकर जेसीबी द्वारा इसमें घी मिलाया जायेगा। साथ ही दही व दाल की प्रसादी के साथ वितरण किया जायेगा। भण्डारे में 551 क्विंटल प्रसादी वितरित की जायेगी। 200 क्विंटल छानों की मदद से 140 मीटर लम्बा व 20 फीट चौड़ा जगरा तैयार किया गया है। जयराम जेलदार ने बताया कि 29 जनवरी को महिलाओं द्वारा विशाल कलश यात्रा निकाली जायेगी। कलश यात्रा में ख्यालीराम, श्योराम, जगदीश मंढ़ा आदि द्वारा ढ़प, मंजीरा द्वारा नृत्य की प्रस्तुती दी जायेगी। इस दौरान रोहिताश बोफा, जयराम जेलदार, रामकुंवार सरपंच, बनवारी पंच, बहादुर पंच, कैलाश धाभाई, यादराम सरपंच आदि मौजूद रहे। मेले को लेकर ग्रामीणों में अपार उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा हैं। कल्याणपुरा व कुहाड़ा गाँव के ग्रामीण पिछले करीब एक माह से तैयारियों में जुटे हुए हैं। ग्रामीणों द्वारा मेले की व्यवस्था बेहद व्यवस्थित ढ़ंग से की जाती हैं। जो बाहर से आने वाले लोगों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बनी हुई हैं। हजारों की संख्या में वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी ग्रामीणों द्वारा उठाई जाती हैं। विभिन्न जगहों पर स्वयं ग्रामीण ही स्वयंसेवक के रूप में तैनात रहते हैं। ग्राम एकता का यह मेला नायाब उदाहरण हैं। वहीं दूसरी ओर मेले में व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चाक-चौबन्द हैं। इसके लिए करीब चार थानों से पुलिस जवानों की तैनाती की जायेगी। मौके पर एम्बूलेंस, फायर बिग्रेड आदि संसाधन भी तैनात रहेगें।
सोनगिरा पोषवाल की जुड़ी अटुट आस्था :- इस धाम के पीछे भैंरू बाबा के परम शिष्य सोनगिरा पोषवाल प्रथम की अटूट आस्था की कहानी है। ग्रामीणों ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सोनगिरा पोषवाल प्रथम भंैरूजी का परम भक्त था। जो कि भैंरू बाबा की मूर्ती को कुहाड़ा गांव में स्थापित करना चाहता था। भैरू बाबा की मूर्ती लाने कांशीजी चला गया। जिस पर भैरू बाबा ने स्वप्न में दर्शन देकर सोनगिरा पोषवाल प्रथम से अपने बड़े बेटे की बली मांगी । जिस पर सोनगिरा पोषवाल प्रथम ने बेटे की बली देकर भैंरू बाबा की मूर्ती लेकर चल देता है। भंैरू बाबा उसके इस बलिदान व परीक्षा से खुश होकर उसके पुत्र को जीवित कर देते है। सोनगिरा पोषवाल प्रथम व उसके पुत्र ने पंच पीरो के साथ कुहाड़ा गांव जिसका पौराणिक नाम अजीतगढ़ चौसला बारहगोठ में लाकर विक्रम संवत् 705 ई बैशाख सुदी पंचमी को वार शनिवार को स्थापना की गई थी। वर्तमान में स्थापना दिवस पर विशाल भण्डारे व जागरण का आयोजन किया जाता है।
खेजड़ी वृक्ष की भी होती है पूजा- सोनगिरा पोषवाल प्रथम के सोनगिरा द्वितीय पैदा हुआ। जिसने अपनी बेटी पदमा पोषवाल की शादी बगड़ावत सवाई भोज के साथ मिति बैशाख सुदी नवमी वार रविवार संवत् 934 में की। जिसमें पंचदेव खेजड़ी वृक्ष का मंडप लगाया गया जो वर्तमान में भी मौजुद है। जिसकी आज भी पुजा होती है। पदमा पोषवाल ने वरदान दिया कि जिस स्त्री के संतान सुख नहीं है वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलने पर उसको संतान सुख प्राप्त होगा। पोषवाल गौत्र पर इसका वरदान लागु नहीं होता है। तभी से आसपास के क्षेत्र में भैरू बाबा व खेजड़ी के वृक्ष की पूजा होने लगी तथा हजारों की संख्या में लोग इसके दर पर आने लगे।