राजस्थान में तबादलों से बैन हटाने की तैयारी
पुलिस मुख्यालय से सभी एसपी -आईजी को तैयारी रखने के आदेश
भजनलाल सरकार तबादलों से प्रतिबंध हटाने की तैयारी कर रही है। तबादलों पर जनवरी 2023 से बैन लगा हुआ है। तबादलों से बैन हटाने पर सप्ताह भर में आदेश जारी होने की संभावना है। सरकारी विभागों में तबादलों पर बैन हटाने से पहले इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। नई सरकार बनने के बाद भाजपा विधायकों और नेताओं ने भी तबादलों से बैन हटाने की मांग की है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी बैन हटाने की राय दी है ।लोकसभा चुनावों से पहले विभागों में तबादलों की जरूरत बताई गई है। पुलिस मुख्यालय ने हाल ही में सभी एसपी और रेंज आईजी को लेटर जारी करके कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के तबादलों की तैयारी रखने को कहा है ।पुलिस मुख्यालय से जारी लेटर में जल्द तबादलों से बैन हटने की संभावना बताई गई है। कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर के तबादले पुलिस मुख्यालय से जारी तबादला नीति के अनुसार करने के आदेश दिए गए हैं ।इसके साथ ही सभी एसपी और रेंज आईजी को तबादलों से बैन हटने से पहले सब कागजी औपचारिकताएं तैयार रखने को कहा है, ताकि बाद में रिलीव और जॉइन करने में समय नहीं लगे।
ज्यादातर सरकारी विभागों में होंगे तबादले
सरकार बदलने पर तबादलों को लेकर राजनीतिक दबाव भी सामने आ रहा है। ऐसे में ज्यादातर विभागों में तबादले होना तय माना जा रहा है ।शिक्षा विभाग में फिलहाल बड़े पैमाने पर तबादले नहीं हो सकेंगे, क्योंकि बोर्ड की परीक्षाएं सामने है। ऐसे में शिक्षकों के तबादले सीमित किए जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस में बड़ी तादात में तबादले होने की संभावना है।
तबादलों में विधायकों का डिजायर सिस्टम चलेगा या नहीं, इस पर संशय
कांग्रेस राज में विधायकों की डिजायर पर सब काम होते थे। बीजेपी राज में अकेले विधायकों की डिजायर उस तरह चलने की संभावना कम है। इस तरह के तबादलों में विधायकों की डिजायर चलेगी या नहीं इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है। अब तक बीजेपी राज में विधायकों और पार्टी नेताओं की सिफारिशी चिट्ठियों को महत्व मिलता रहा है, लेकिन इस बार पुराना सिस्टम बदलने के संकेत मिले थे। हालांकि इस पर सरकार और भाजपा संगठन मिलकर कोई व्यवस्था फाइनल कर सकते हैं। इस बार एसडीएम और जिलों में लगने वाले अफसरों के मामलों में विधायकों की राय नहीं पूछी गई थी ।ऐसे में माना जा रहा है कि विधायकों और पार्टी नेताओं की राय किस स्तर के पदों पर चलेगी, इसका सिस्टम तैयार किया जा रहा है।