गढ़ीसवाईराम सीएचसी और पिनान सीएचसी पर नही है मोर्चरी : पोस्ट मार्टम के लिए शव लाया जाता है रैणी
रैणी सीएचसी पर दो ही डाक्टर होने के कारण तीसरा डाक्टर भी अन्य दूसरी सीएचसी से बुलाना पडता है और ओपीडी भी होती डिस्ट्रब
रैणी (अलवर / महेश चन्द मीना,) अलवर के रैणी-उपखंड क्षेत्र के गढ़ीसवाईराम सीएचसी पर तथा पिनान सीएचसी पर मोर्चरी नही होने के कारण मृतक शव को पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के लिए पिनान व गढ़ीसवाईराम से रैणी सीएचसी पर ही लाया जाता है जबकि पोस्ट मार्टम के लिए कम से कम तीन डाक्टर चाहिए जबकि रैणी सीएचसी पर डेन्टल डाक्टर के अलावा दो ही डाक्टर मौजूद है ऐसी स्थिति मे एक डाक्टर को पिनान या गढ़ीसवाईराम सीएचसी से बुलाया जाता है और पोस्ट मार्टम करते समय रैणी सीएचसी की ओपीडी भी डिस्ट्रब होती है जबकि रैणी सीएचसी उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित होने के कारण यहा पर 500 से कम ओपीडी भी नही रहती है प्रतिदिन की ऐसी स्थिति मे राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिनान व गढ़ीसवाईराम मे ही मोर्चरी होना अनिवार्य है।
रैणी सीएचसी प्रभारी अधिकारी डाक्टर ओमप्रकाश मीना ने मिडिया को बताया कि दिल्ली-मुम्बई नेशनल हाई वे पर बहुत ज्यादा एक्सीडेंट होते रहते है और पिनान सीएचसी व गढ़ीसवाईराम सीएचसी पर से भी मृतक शव को रैणी अस्पताल की मोर्चरी पर ही लाया जाता है ऐसे मे शाम के समय मे यदि दुर्घटना हो जाती है तो रातभर रैणी मोर्चरी मे रखे शव की सुरक्षा का जिम्मा भी बढ जाता है और रैणी सीएचसी पर सिर्फ दो ही डाक्टर (डेन्टलीस्ट के अलावा) होने के कारण तीसरा डाक्टर भी अन्य दूसरी जगह से ही बुलाना पडता है इसलिए पिनान सीएचसी व पिनान सीएचसी पर मोर्चरी होना बहुत ही जरुरी है। मिडिया को यह सारी जानकारी रैणी सीएचसी प्रभारी अधिकारी डाक्टर ओमप्रकाश मीना के द्वारा दी गई है।