खेड़ापा में जंगली सुअरों के आतंक से किसान हुए परेशान
बावड़ी (जोधपुर/ निसार गौरी) बावड़ी उपखंड क्षेत्र के खेड़ापा सोयला, बिराई और धनारी के लोग जंगली सूअर और नीलगाय के उत्पात से परेशान हैं। इन जानवरों द्वारा न केवल फसल को नुकसान पहुंचाया जा रहा है बल्कि किसानों पर हमला भी किया जा रहा है। खेड़ापा निवासी किसान श्रवण कुुरड़़िया, जयकिशन कुरडिया, बाबूराम सियाग, कृषक मित्र रामपाल प्रजापत आदि ने बताया कि उनकी खेड़ापा मालियों की ढाणी के पास में जमीन है। उक्त जमीन पर रायडा, जीरा और गेहूं की फसल खड़ी है। वे बिजली आने पर रात के समय खेत में पानी देने जाते हैं। कई बार देर तक बिजली रहने पर रात में खेत की बाड़ पर खड़े पेड़ पौधों के पीछे छुप जाते है। बिजली चली जाने पर खेत में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिन से जंगली सूअर का उत्पाद बढ़ गया है। वे रात को खेत में सो रहे किसानों पर हमला कर देते हैं। दिन में भी जंगली सुअरों का खेतों में आना जाना लगा रहता है। सूअर के खतरे से किसानों को खेड़ापा में खेती करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि नीलगाय तो दिन में ही फसल को खराब कर देती है। बेसहारा पशुओं की भी भरमार है, जो कभी भी फसल को खराब करने के लिए खेत में घुस जाते हैं। इस जंगली जानवरों के झुंड में होने से एक-दो किसान उनका मुकाबला भी नहीं कर पाते हैं। दिनरात फसल की रखवाली करना भी किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। किसानों ने प्रशासन से जंगली जानवर और आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने की फरियाद की है। रायडा, जीरा और गेहूं की फसल अब पकने के करीब है। इसलिए फसल की सुरक्षा जरूरी हो गई है।