दिगंबर आचार्य शिरोमणि 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधि लीन हो जाने पर जैन समाज के प्रतिष्ठान रहे बंद
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) राजहंस आचार्य श्री 108 विद्यासागर मुनिराज संत शिरोमणि परम पूज्य गुरुवर आचार्य भगवान श्री 108 विद्यासागर जी महामुनि राज का बीती रात्रि 2:30 बजे 18 फरवरी को चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में सल्लेखना पूर्वक समाधि हो गई। समाधि दिन होने पर कस्बे के जैन समाज के प्रतिष्ठान बंद रहे। दोपहर बाद दिगंबर जैन मंदिर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा के प्रारंभ में मुनि श्री के छायाचित्र पर नारियल समर्पित किया गया। तत्पश्चात समाज के श्रद्धालुओं ने महामंत्र णमोकार का पाठ किया। श्रद्धांजलि सभा में अध्यक्ष सुमेरचंद जैन ने कहा कि जैन समाज के रवि का अंत हो गया है। इस धरती के चलते-फिरते भगवान हम सब जिनकी मुस्कान से जीते रहे ऐसे हमारे गुरुदेव संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का रात्रि चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हो गई है। संत शिरोमणि आचार्य गुरुदेव 108 श्री विद्यासागर जी महाराज समता पूर्वक समाधि का समाचार हम सभी के लिए पीड़ा दायक है। आचार्य भगवंत तप ज्ञान संयम आराधना और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। लक्ष्मणगढ़ जैन समाज ही नहीं बल्कि विश्व का जैन समाज आप व हम सब के मन में अजीब बेचैनी है। जैन धर्म के गौरव जैन धर्म की शान इस युग के चलते-फिरते भगवान को शत-शत नमन हमारे हृदय में सदा जीवित रहेंगे। गुरुदेव अमर रहे आचार्य भगवंत के चरणों में कोटि-कोटि नमन किया। एवं 2 मिनट का मौन रख सभी जैन धर्म के श्रद्धालुओ ने श्रद्धांजलि अर्पित की।