भरतपुर स्थापना दिवस समारोह, एक मंच पर साकार हुई राजस्थान की सतरंगी संस्कृति

अजेय भरतपुर की धरा प्रदेश की शान, विकास में सभी नागरिक बने भागीदार-विधानसभा अध्यक्ष

Feb 19, 2024 - 21:40
Feb 19, 2024 - 22:01
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भरतपुर स्थापना दिवस समारोह, एक मंच पर साकार हुई  राजस्थान की सतरंगी संस्कृति

भरतपुर, 19 फरवरी। राजस्थान की सतरंगी संस्कृति एक मंच पर साकार हो उठी जब भरतपुर के 291 वें स्थापना दिवस के अवसर सोमवार को जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग एवं लोहागढ़ विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में विश्वप्रिय शास्त्री पार्क में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रदेश के नामचीन लोक कलाकारों ने लोक गायकी एवं लोकनृत्य की छटा बिखेरी। 

 विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में शास्त्री पार्क स्थित खुला मंच पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर अंत तक शमां बांधे रखा। समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि ने भरतपुर वासियों को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि वीर अजेय धरा भरतपुर राजस्थान की शान है। यहां की लोक संस्कृति एवं वैभवपूर्ण गौरवशाली इतिहास हमेशा प्रेरणा देता रहा है। उन्होंने भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को नमन करते हुए उनकी नेतृत्व क्षमता एवं क्षत्रित्व धर्म की पालना के लिए किये गये कार्यां से प्रेरणा लेकर जीवन में आत्मसात करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि यहां के विकास को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सभी नागरिक भागीदार बने।

सांस्कृतिक संध्या पर आयोजित कार्यक्रमों में कलाकारों ने प्रदेश के सभी अंचलों की लोक गायकी एवं लोकनृत्यों की भव्य प्रस्तुति देकर दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रमों में राजस्थान की संस्कृति को साकार करने के साथ कलाकारों ने मिमिक्री के माध्यम से दर्शकों को हंसाया वहीं भपंग वादन के साथ लोक विद्या की परम्परा का जीवंत प्रदर्शन भी किया। कलाकारों के दल ने बाडमेर से लेकर भरतपुर, बारां से लेकर जयुपर तक की लोक गायकी की धुनों पर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। 

        कार्यक्रम की शुरूआत डीग के अशोक शर्मा के दल ने भगवान गणेश की कंठप्रिय वंदना से की। मुख्य अतिथि ने ब्रज के प्रसिद्ध बम्ब वादन कर सांस्कृतिक कार्यक्रमो की शुरुआत की। उन्होंने स्थापना दिवस के सात दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यर्थियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

       कार्यक्रमो की श्रृंखला में बहज डीग के धीरज एंड पार्टी ने बम्ब वादन के द्वारा बृज की परम्परा से साक्षात्कार करवाया। जयपुर के मोरू सपेरा के दल ने एक से बढकर एक मनमोहक लोकनृत्यों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को कार्यक्रमों से बांधे रखा। मोरू सपेरा के दल ने राजस्थानी महिलाओं द्वारा इष्टदेवों के लिए किया जाने वाला चरी लोकनृत्य, राजस्थानी लोकनृत्यों का सिरमोर घूमर नृत्य, मटका भवई तथा राजस्थान की संस्कृति को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाले कालबेलिया नोकनृत्य की एक से बढकर एक प्रस्तुतियां दी गई। ,

कार्यक्रमों की श्रृंखला में बाडमेर के गौतम परमार के दल ने भवई लोकनृत्य, राजस्थान की लोक गायकी लंगा गायन की कर्णप्रिय प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। लोक देवता रामदेव को समर्पित तेरह ताली लोक नृत्य की भव्य प्रस्तृति प्रसिद्ध लोक कलाकार पाली जिले की गंगा देवी ने दी। बारां जिले के शाहबाद निवासी हरिकेष के दल ने सहरिया लोकनृत्य में अलग-अलग भाव भंगिमाओं की प्रस्तृति देकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। अलवर के बनयसिंह के दल ने रिम भवई की प्रस्तुति देकर अलग-अलग विद्याओं के करतब दिखाये। दौसा के अशोक शर्मा ने प्रसिद्व नेताओं, अभिनेताओं की मिमिक्री के द्वारा दर्शकों को खूब हंसाया। 

 समारोह में कैथवाड़ा डीग के गफ्फूद्दीन मेवाती ने भपंग वादन के द्वारा ट्ररर ही टररर लोकगीत के माध्यम से भपंग वादन की स्वंर लहरियां बिखेरी। डीग के अशोक शर्मा के दल ने बृज का प्रसिद्ध लोकनृत्य मयूर एवं फूलों की होली की मनमोहक प्रस्तुति देकर अतिथियों एवं दर्शकों के सामने रंगोत्सव का पर्व साकार कर दिया। इस अवसर पर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, अतिरिक्त कलक्टर शहर श्वेता यादव, उपजिला कलक्टर रविकुमार, गिरधारी तिवारी, मनोज भारद्वाज, उपनिदेशक पर्यटन संजय जौहरी, लोहागढ विकास परिषद के गुलाब बत्रा, अनुराग गर्ग, योगेश शर्मा, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष रूपेंद्र सिंह, शिवानी दायमा सहित बडी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं आमजन उपस्थित रहे। 

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