उपखंड मुख्यालय पर पहली बार एक साथ लगे एसडीएम व एसडीओ, आमजन को मिलेगी राहत
जहाजपुर (आज़ाद नेब) राज्य सरकार द्वारा 27 फरवरी को 165 प्रशासनिक सेवा अधिकारियों का फेर-बदल किया गया जिसमें जहाजपुर उपखंड मुख्यालय में काफी अरसे से खाली पड़े एसडीओ पद को भरते सुरेंद्र बी पाटीदार को लगाया गया है ओर एसडीएम पद पर रजनी मीणा को पुर्व में लगाया गया था। कल हुए स्थानांतरण में पाटीदार को सलूम्बर उपखंड अधिकारी से जहाजपुर सब डिवीजन ऑफिसर लगाया गया है। उपखंड मुख्यालय पर पहली बार एक साथ लगे एसडीएम व एसडीओ पद से क्षेत्र में विकास कार्यों को गति प्रदान होगी आमजन के कार्य अब अवरूद्ध नहीं होंगे। समस्या का जल्द निपटारा होगा। राजस्व व प्रशासनिक कार्यों को अब अलग अलग अधिकारी देखने से कार्य समय पर होंगे आमजन को ऑफिस के ज्यादा चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
- SDM (Sub Divisional Magistrate)
SDM का फुल फॉर्म सब डिविजनल मजिस्ट्रेट होता है. सब डिवीजन SDM द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो अक्सर जिला स्तर से नीचे का एक प्रशासनिक अधिकारी होता है। एक SDM कलेक्टर और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की शक्तियों का लाभ उठाता है। SDM भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक जूनियर मेंबर के साथ राज्य सिविल सेवा का एक सीनियर अधिकारी हो सकता है। SDM 1973 की आपराधिक प्रक्रिया संहिता और कई अन्य छोटी-छोटी कार्रवाइयों के तहत विभिन्न मजिस्ट्रेटी कर्तव्यों का संचालन करता है। SDM का अपने उपखंड के तहसीलदारों पर पूर्ण नियंत्रण होता है और वह अपने उपखंड के जिला अधिकारी और तहसीलदार दोनों के बीच संबंध की एक कड़ी का प्रतिनिधित्व करता है।
- SDO (Sub Divisional Officer)
SDO का मतलब सब डिविजनल ऑफिसर होता है। वह सरकार के सब डिवीजनल संगठन का प्रमुख होता है। SDO का पद कई सरकारी विभागों जैसे बिजली बोर्ड, पीडब्ल्यूडी सिंचाई आदि में होता है। हम कह सकते हैं कि लगभग हर सरकारी विभाग में SDO नियुक्त किए जाते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, वह एक सब डिवीजन लेवल का अधिकारी होता है, जो विभिन्न कार्यों को करता है। किसी विभाग के कर्मचारियों को उनके अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर SDO के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है। इसके अलावा, SDO की भर्ती राज्य सरकार द्वारा PCS (लोक सेवा आयोग) परीक्षाओं के माध्यम से भी की जाती है। इसके अलावा एक SDO का कार्य उस विभाग पर निर्भर करता है जिससे वह संबंधित है।