सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार हिमाचल प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही। भाजपा विधायक लगातार दावा कर रहे थे कि सुक्खू सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है। भाजपा की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही जा रही थी। लेकिन अब इसकी संभावना समाप्त हो गई क्योंकि राज्य बजट के सफल पारित होने के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस तरह, सुक्खू प्रशासन ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अगले तीन महीनों तक उसे तत्काल कोई खतरा नहीं होगा।
बजट को पारित होने से रोकने के लिए मत विभाजन की भाजपा की कोशिश में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर सहित उसके 15 विधायकों के निलंबन के कारण रुकावट आ गई। बजट पारित होने से पहले, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे की अटकलों को खारिज कर दिया, जबकि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद भाजपा ने उनके पद छोड़ने की मांग की थी। फलहाल भूपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार शिमला पहुंच चुके हैं और विधायकों को मनाने की कवायद शुरू हो चुकी है।
घटनाक्रम
- कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के लिए क्रॉस वोटिंग करने वाले छह पार्टी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रस्ताव शुरू किया था। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। हिमाचल के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत कांग्रेस के संसदीय कार्य मंत्री ने एक याचिका दी थी। हमने नोटिस भेजा है। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने विस्तार से अपनी बात रखी है। मैंने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। इस बीच, छह विधायकों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब देने के लिए समय मांगा। पार्टी पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "...चुनाव को लेकर चर्चा हुई। हमारी सरकार सुरक्षित है...।"
- राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को दावा किया कि वे पूरे पांच साल तक सरकार चलाएंगे। उन्होंने कहा कि न तो केंद्रीय नेतृत्व ने और न ही किसी और ने मुझे इस्तीफा देने को कहा है और ऐसी कोई बात नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह का काम राज्य के भाजपा नेताओं द्वार किया गया है.... वे अपने ही लोगों पर भरोसा नहीं करते। सीआरपीएफ तैनात की गई थी। हरियाणा पुलिस तैनात की गई थी। हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया।’’ सुक्खू ने कहा, ‘‘लेकिन मैं एक बात कहना चाहता हूं कि हिमाचल की जनता हमारे साथ है, विधायक हमारे साथ हैं और मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि हम पांच साल तक हिमाचल की सरकार चलाएंगे।’’
- सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ''विक्रमादित्य सिंह मेरे छोटे भाई हैं और मैंने उनसे बात की है...उन्हें(कांग्रेस विधायक जिन्होंने राज्यसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था) पार्टी का सम्मान करना चाहिए था। वे मुझसे नाराज हो सकते हैं ,अभिषेक सिंघवी जैसे व्यक्ति को हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा जाना चाहिए था लेकिन उन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया और पार्टी को धोखा दिया। राज्य की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ..."
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी लोगों के अधिकार को कुचलना चाहती है और बहुमत को चुनौती दे रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा हिमाचल प्रदेश को राजनीतिक आपदा में धकेलना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि इस मक़सद के लिए जिस तरह भाजपा सरकारी सुरक्षा और मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है, वह देश के इतिहास में अभूतपूर्व है। प्रियंका गांधी ने कहा, 25 विधायकों वाली पार्टी यदि 43 विधायकों के बहुमत को चुनौती दे रही है, तो इसका मतलब साफ है कि वो प्रतिनिधियों के खरीद-फरोख्त पर निर्भर है।
- कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बुधवार को कहा कि पार्टी सर्वोपरि है और वह जनादेश बरकरार रखने के लिए कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पर्यवेक्षकों से बात की है और उनसे कहा है कि वे विधायकों से बात करके जल्द रिपोर्ट सौंपें। उनका कहना है कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। रमेश के अनुसार,‘‘छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार बतौर पर्यवेक्षक शिमला में में मौजूद हैं। कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं।’’ उन्होंने कहा, हम सरकार अस्थिर नहीं होने देंगे.... जरूरत पड़ी तो कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस महासचिव ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पर्यवेक्षकों से सभी विधायकों से बात कर जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, हमें जनादेश जनता ने दिया है और यह जनादेश जनता ही वापस ले सकती है। ऑपरेशन लोटस से जनादेश वापस नहीं लिया जा सकता।
- हिमाचल प्रदेश विधानसभा से 15 विधायकों के निलंबन पर एलओपी जयराम ठाकुर ने कहा, "बीजेपी के पास 25 विधायक हैं। राज्यसभा में वोटिंग के बाद यह संख्या बढ़कर 34 हो गई। इससे सरकार के ऊपर बहुत बड़ा संकट आ गया है...उन्हें किसी तरह बजट पास कराना था वरना सरकार गिर जाती। इसके लिए उनके पास एक ही तरीका था कि बीजेपी विधायकों का नंबर वो कैसे कम कर सके। आज बिना किसी कारण के 15 विधायाकों निलंबित कर दिया गया है उस विधायकों में मैं भी शामिल हूं।... कांग्रेस की सरकार बचाई जा सके इसलिए 15 विधायकों को निलंबित किया गया है। हमारे निलंबन के बाद उन्होंने बजट पारित किया...।"