जिला प्रभारी सचिव ने अधिकारियों, विभिन्न औद्योगिक संगठन, सीईटीपी संचालन समिति, कंपनी प्रतिनिधियों की संयुक्त रूप से ली बैठक
औद्योगिक इकाइयों द्वारा अवैध तरीके से खुले में एफ्लूएंट पानी को छोड़े जाने पर कंपनी को बंद करने के निर्देश
प्रबंध निदेशक राजस्थान राज्य औद्योगिक एवं विकास संवर्धन ने जल भराव से संबंधित कई मुद्दों पर की चर्चा
सभी औद्योगिक इकाई एफ्लूएंट पानी सीईटीपी कनड्यूट पाइप लाइन में छोड़ना सुनिश्चित करें- जिला प्रभारी सचिव
खैरथल-तिजारा (जयबीर सिंह)
खैरथल-तिजारा, 3 मार्च। जिला प्रभारी सचिव नकाते शिव प्रसाद मदान, प्रबन्धक निदेशक, राजस्थान राज्य औद्योगिक एवं विकास संवर्धन कार्पोरेशन की अध्यक्षता में रविवार को बीड़ा सभागार में भिवाड़ी के सभी अधिकारियों, विभिन्न औद्योगिक संगठन, सीईटीपी संचालन समिति व कंपनी के प्रतिनिधियों की जल भराव के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलोनी खेमका, अतिरिक्त जिला कलेक्टर भिवाड़ी अश्विन के पवार, क्षेत्रीय अधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड,रीको, नगर परिषद भिवाड़ी, बिजली विभाग के अधिकारी सहित विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
जिला प्रभारी सचिव नकाते ने भिवाड़ी जल भराव की समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों एवं विभिन्न औद्योगिक संगठन, सीईटीपी संचालन समिति, कंपनी प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त रूप से जल भराव के समाधान हेतु विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि 14 मार्च को जल भराव के समाधान हेतु राजस्थान व हरियाणा की संयुक्त बैठक का आयोजन भी किया जाएगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडा ने पिछले दिनों में की गई कार्रवाई का विवरण एवं जल भराव से निपटने के लिए बनाए गए प्लान के बारे में विस्तार से बताया।
जिला प्रभारी सचिव ने संयुक्त रूप से औद्योगिक इकाइयों का सर्वे कर रही टीम, विभिन्न औद्योगिक संगठन, सीईटीपी संचालन समिति व कंपनी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हुए सभी कंपनियां को कनड्यूट पाइप लाइन में ही एफ्लूएंट पानी डालने के लिए निर्देशित किया साथ ही अवैध रूप से एफ्लूएंट पानी को भिवाड़ी क्षेत्र की ओपन ड्रेनेज में डिस्चार्ज कर रही औद्योगिक इकाइयों पर जिला कलक्टर, रीको एवं क्षेत्रीय अधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को सख्त कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।
प्रबंध निदेशक नकाते ने बताया कि शनिवार को किए गए निरीक्षण के दौरान जल भराव क्षेत्र एवं सीईटीपी प्लांट के हर स्तर पर पानी का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि समय-समय पर औचक रूप से गंदे पानी का सैंपल लेकर एमओयू के अनुसार पानी के पैरामीटर की जांच करते रहे। उन्होंने सीईटीपी प्लांट एवं चिन्हित की हुई जगह पर फ्लो मीटर लगाने के निर्देश भी दिए।
प्रबन्धक निदेशक, राजस्थान राज्य औद्योगिक एवं विकास संवर्धन कार्पोरेशन ने अमृत 2.0 के तहत औद्योगिक इकाइयों से निकले एफ्लूएंट पानी को छोड़ते हुए विभिन्न हाउसिंग कॉलोनी व अन्य स्रोतों से निकले अपशिष्ट पानी के लिए गई प्लानिंग की समीक्षा करते हुए एसटीपी से निकल थड़ा, काली खोली, रीको ओपन लैंड, गांव उदयपुर, गोधन के जोहड़ में डिस्चार्ज हो रहे शोधित पानी को पुनः उपयोग में लाने हेतु प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर परिषद भिवाड़ी द्वारा संचालित एसटीपी के शोधित पानी का सैंपल लेने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने नगर परिषद भिवाड़ी, रीको एवं बीड़ा को त्वरित रूप से नालियों की सफाई, रोड इत्यादि को साफ करवाने के निर्देशित किया। उन्होंने सफाई, मरम्मत करने वाले ठेकेदारों के सही से कार्य नहीं करने पर उनको ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सीईटीपी संचालित कर रही संस्था को आगामी 10 मार्च तक आरओ प्लांट को एम ओ यू के अनुसार सुचारू रूप से चलाने, अगले चरण में औद्योगिक इकाइयों को आरओ पानी सप्लाई लाइन से जोड़ना एवं 30 मार्च तक सभी औद्योगिक इकाइयों को आरओ पानी सप्लाई करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा एमओयू में निर्धारित पानी के पैरामीटर के अनुरूप एफ्लूएंट पानी को शोधित करने के सख्त निर्देश दिए एवं ऐसा न करने पर संस्थान पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्था को कनड्यूट पाइपलाइन के खुले हुए चेंबर को निश्चित समय अवधि में बंद करवाने के निर्देश भी दिए।
औद्योगिक संगठन नें बैठक में औद्योगिक इकाइयों को आ रही परेशानियों से अवगत कराते हुए प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखी। औद्योगिक संगठन ने कहा की एसपीवी हमारी समस्याओं का समाधान करें और प्रशासन हमारी समस्या को सुन समाधान के उचित उपाय करें। उन्होंने सीएसआर के माध्यम से औद्योगिक इकाई के सामने एवं मुख्य व्यस्त मार्गों पर इंटरलॉकिंग टाइल लगाने के की बात कही तथा जिला प्रभारी सचिव ने सीएसआर में कवर नहीं हो रहे मार्गो पर रीको को इंटरलॉकिंग टाइल लगाने हेतु निर्देशित किया ताकि भिवाड़ी की वायु गुणवत्ता को सुधारा जा सके।
जिला प्रभारी सचिव ने कहा कि भिवाड़ी जल भराव समस्या से निपटने के लिए विभिन्न औद्योगिक संगठन, सीईटीपी संचालन समिति, कंपनी प्रतिनिधियों व अधिकारियों के संयुक्त रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है तथा सभी के संयुक्त प्रयास से जल्द ही इस समस्या से उभर सकेंगे।