लोकसभा चुनाव के लिए मिशन दक्षिण भारत के तहत आज एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के दौरे पर हैं। चेन्नई में एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि जब भी मैं चेन्नई आता हूं, यहां के लोगों से मुझे ऊर्जा महसूस होती है। इस शहर में रहना बहुत अच्छा है जो जीवन से भरपूर है। चेन्नई प्रतिभा, व्यापार और परंपरा का भी एक बड़ा केंद्र है। विकसित भारत के निर्माण के हमारे मिशन में, चेन्नई के लोग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर तंज भरे लहजे में कहा कि मैं जब भी चेन्नई आता हूं तो कुछ लोगों को 'पेट दर्द' हो जाता है। उन्हें ईर्ष्या होती है...उन्हें परेशानी होती है...यह देखकर कि यहां बीजेपी का जनाधार कैसे बढ़ रहा है!
मोदी ने कहा कि मैंने 'विकसित भारत' के निर्माण के साथ-साथ 'विकसित तमिलनाडु' के निर्माण का भी संकल्प लिया था। हमें मिलकर भारत को दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाना होगा। और इसमें तमिलनाडु की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार तमिलनाडु के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए भारत सरकार अनेक योजनाओं का पैसा सीधे यहां के लाभार्थियों को भेज रही है। उन्होंने कहा कि इन विकास कार्यों के लाखों करोड़ रुपये लूटने में DMK को दिक्कत आ रही है, इस बात से यहां का एक परिवार बहुत परेशान है इसलिए DMK के लोग सोच रहे हैं कि अगर पैसे नहीं तो कम से कम इन कामों का क्रेडिट ही ले लें... मैं DMK को बताना चाहता हूं कि मोदी तमिलनाडु के लोगों का पैसा आपको लूटने नहीं देगा।
अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि परिवारवादी पार्टियां सिर्फ और सिर्फ अपने भविष्य की सोचती हैं, जबकि मोदी देश के भविष्य का सोचकर काम कर रहा है। परिवारवादी पार्टियों के समय देश के 18,000 गांव में बिजली नहीं थी, देश के ढाई करोड़ से ज्यादा घर अंधेरे में थे। 21वीं सदी की बहुत बड़ी चुनौती ऊर्जा सुरक्षा है, आज हमारी सरकार इस दिशा में भी तेजी से काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बीच डीएमके सरकार ने चेन्नई के लोगों की जरूरतों और सपनों से मुंह मोड़ लिया है। संकट के समय जब यहां चक्रवात आया, तो मदद करने के बजाय डीएमके सरकार ने लोगों की समस्याओं को और बढ़ाने का काम किया। संकट के समय डीएमके के लोग 'बाढ़ प्रबंधन' नहीं, बल्कि 'मीडिया प्रबंधन' सुनिश्चित करते हैं।
वार करते हुए उन्होंने कहा कि डीएमके और कांग्रेस की सहयोगी कंपनियां हैं- फैमिली फर्स्ट, और मोदी कहते हैं- नेशन फर्स्ट। और यही कारण है कि INDI Alliance ने एक नया फॉर्मूला विकसित किया है... और उन्होंने कहना शुरू कर दिया है कि मोदी का कोई परिवार नहीं है। इसका मतलब क्या है? क्या इसका मतलब यह है कि परिवार होने का मतलब भ्रष्टाचार का लाइसेंस प्राप्त करना है? क्या एक परिवार होने का मतलब अपने परिवार के लिए सत्ता पर कब्ज़ा करने का लाइसेंस होना है? उन्होंने कहा कि जिसका कोई नहीं है, वो भी मोदी के हैं और मोदी उनका है। मेरा भारत-मेरा परिवार। इसलिए आज पूरा देश एक सुर में कह रहा है- मैं हूं... मोदी का परिवार!