खैरथल में महिलाओं ने किया होली पूजन: सुख समृद्धि की कामना की, बसंत ऋतु का स्वागत
खैरथल ( हीरालाल भूरानी ) खैरथल में होली का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है।हर तरफ रंगोत्सव की धूम है। सवेरे से ही महिलाएं होलिका स्थल पर जाकर होली की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना कर रही है। महिलाएं मंगल गीत गाती हुई होलिका स्थल पर पहुंची। इसके बाद पूजन किया। इस मौके पर घर में बनाएं गए बड़कूले होलिका को चढ़ाएं गए। साथ ही नव विवाहित जोड़ों ने भी धोक लगाई।
बसंत ऋतु की होती है शुरुआत - होली के समय से बसंत ऋतु शुरू होती है। बसंत ऋतु के स्वागत में ये पर्व मनाया जाता है। एक अन्य मान्यता है कि कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग करने के लिए बसंत ऋतु को प्रकट किया था। शिवजी कामदेव के इस काम की वजह से बहुत क्रोधित हो गए थे। भगवान ने जैसे ही अपना तीसरा नेत्र खोला, कामदेव भस्म हो गए। ये फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि की ही घटना मानी गई है।
नई फसल पकने का समय - ये नई फसल पकने का समय है। भारत में फसल आने पर उत्सव मनाने की परंपरा है। होली के समय खासतौर पर गेहूं की फसल पक जाती है। ये फसल पकने की खुशी में होली मनाने की परंपरा है। किसान जलती हुई होली में नई फसल का कुछ भाग अर्पित करते हैं और खुशियां मनाते हैं। भारतीय संस्कृति के मुताबिक हमें जो भी वस्तु प्राप्त होती है, उसमें से कुछ भाग भगवान को अर्पित किया जाता है।इसी वजह से नई फसल आने पर जलती हुई होली में अन्न अर्पित किया जाता है। जलती हुई होली को यज्ञ की तरह माना जाता है।