पूर्वी नहर परियोजना को राष्ट्रीय नहर योजना में शामिल करने की मांग को लेकर अलावड़ा में किसान सभा का हुआ आयोजन
पूर्वी नहर परियोजना को राष्ट्रीय नहर योजना में शामिल करने की मांग को लेकर कस्बा अलावड़ा में चढूंनी किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान सभा का हुआ आयोजन । वक्ताओ ने किसानो को अपने सम्बोधनों में दिए अपने अपने तर्क और सुझाव दिए
रामगढ,अलवर (राधेश्याम गेरा)
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कस्बा अलावड़ा में चढूंनी किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान सभा का आयोजन किया गया। जिसमें किसान सभा की अध्यक्षता कस्बे के रिटायर्ड अध्यापक गुरबचन सिंह द्वारा की गई । पूर्वी नहर परियोजना को राष्ट्रीय नहर परियोजना में शामिल करने और अलवर के जयसमंद में आने वाले चंबल नदी के पानी को रूपारेल नदी में डाले जाने रुपारेल नदी का पानी के मार्ग को बदल नगर खेडली की तरफ कर दिया गया है उसे वापिस रूपारेल नदी में शुरु कराने सहित रामगढ से मात्र 30 किलोमीटर दूर जा रही यमुना नदी के पानी को भी क्षेत्र में लाए जाने की मांग को लेकर किसानों ने अपने अपने तर्क और सुझाव दिए । जिसमें मुख्य वक्ता गुडगांव से आई नीलम आहलूवालिया,दिल्ली ग्रामीण के दीवान चंद,फिरोजपुर क्षेत्र से आए इब्राहिम खान,जयपुर ग्रामीण से आए महावीर गुर्जर, विरेन्द्र सिंह यूनियन के जिला प्रभारी वीरेंद्र मोर ने विस्तार से समझाते हुए बताया कि पूर्वी नहर परियोजना में राजस्थान के 13 जिलों में से केवल अलवर जिले के जयसमंद बांध को शामिल किया गया है और उस बांध के पानी को भी शहर की पेयजल समस्या और ओद्योगिक क्षेत्र के उपयोग के लिए ही संरक्षित बताया जा रहा है जिससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला जबकि किसान देश का अन्नदाता है और किसान पानी की समस्या से वर्षों से जो जीते चले आ रहे हैं क्षेत्र का जलस्तर तेजी से नीचे चला जा रहा है वर्तमान में 300 फुट गहराई पर जलस्तर पहुंच गया है । और बताया कि केंद्र सरकार ने DMIC योजना लागू कर दी है जिसके अंतर्गत दिल्ली मुंबई कोरिडोर के दोनों ओर 150 किलोमीटर 150 किलोमीटर की सीमा तक औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि आरक्षित कर दी गई है इसका मतलब यह होता है कि किसानों को पता भी नहीं है और किसानों की भूमि का सौदा उद्योग पतियों के साथ कर दिया गया है। केंद्र सरकार की लागू नीतियों अनुसार अधीग्रहित भूमि के डीएलसी रेट का 4 गुना मुआवजा दिया जाना तय जबकी किसानों को पूर्व में दिल्ली मुंबई कॉरिडोर में अलवर जिले के किसानों को मुआवजा किसानों को केवल 1000000 रुपए बिगाड़ 1500000 रुपए दिया गया है। कारण है यंहा का किसान संगठित नही है।जंहा किसान संगठित हैं जैसे महाराष्ट्र और गुजरात में वंहा 50 से 60 लाख रु प्रति बीघा दिया गया है। केन्द्र सरकार ने हमें एनसीआर में शामिल कर तरह तरह की पाबंदियां लगा दी हैं जैसे अगर आपको अपने ही खेतों में बोरिंग भी करवाना हो तो सरकार से अनुमति जरूरी है,दस वर्ष से पुराना वाहन नही रख सकते।तो वंही एनसीआर में मिलने वाली सुविधाऐं नहीं दी जा रही। डीपीआर योजना बनाने के लिए किसान,श्रमिक,व्यापारी और उद्योग पतियों से सुझाव लिए जाने होते हैं यंहा तो केवल केन्द्र में बैठे मंत्री और उद्योगपति योजना बनाकर लागू कर रहे हैं। जब तक हम लोग संगठित नहीं होंगे हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी अब वक्त आ गया कि सभी किसान संगठित होकर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के सामने अपनी मांगों को मनवाने के लिए मजबूर कर दें और जो भी पार्टी या नेता हमारी मांगों को पूरा करने का वादा करता है उसी को वोट देवें। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए पूर्व सरपंच कमल चंद ,सिरमोर से जसमेर सिंह ने अपने अपने विचारों से किसानों को विस्तार से समझाते हुए एकजुट होकर अपनी मांग को पूरा कराने के लिए अपनी अपनी पार्टी के नेताओं के माध्यम से केंद्र एवं प्रदेश सरकार तक पंहुचाने को कहा गया ।
इस अवसर पर सभा की अध्यक्षता मास्टर गुरुबचनसिंह द्वारा की गई और जिला प्रभारी विरेंद्र सिंह मोर,पूर्व सरपंच कमल चंद,सिरमोर के पूर्व सरपंच रामस्वरूप,जसमेर सिंह, मालपुर सरपंच सतपाल शर्मा,और यूनियन के जिला प्रभारी वसिरमोर सरपंच सुरेश वर्मा, मालपुर सरपंच सतपाल शर्मा ,पूर्व सरपंच कमल चंद अलावडा़ द्वारा भी अपने अपने विचार एवं सुझाव रखे गए। इस दौरान सरपंच जुम्मा खान,सरपंच धारासिंह,सुरेश वर्मा,हारुन खान,पंच असम खान ,जसमेर सिंह,देवेन्द्र सिंह,पप्पू खान ,गोपाल राजपूत फजरु खां,जसमेर सिंह,पप्पू खान,दीपसिंह,राधे गुर्जर,सहित अनेक किसान मौजूद रहे।