मेड़तासिटी में भिक्षाव्रती एव स्ट्रीट चिल्ड्रन श्रेणी वाले बच्चों को लेकर कार्यवाही, मीरा मंदिर के बाहर से कई बच्चों को किया रेस्क्यू
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी एव मेड़ता सिटी थाना पुलिस ने की संयुक्त कार्रवाई
शिक्षा से दूर एसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने एव शिक्षा पुनर्वास का होगा कार्य, नए शिक्षा सत्र से इन बच्चों का होगा स्कूलों मे दाख़िला
मेड़ता सिटी (नागौर, राजस्थान/ तेजाराम लाडणवा) शिक्षा से दूर एव स्ट्रीट चिल्ड्रन श्रेणी के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने,शिक्षा संबंधी पुनर्वास करने,एसे बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण को लेकर बाल कल्याण समिति न्यायपीठ अध्यक्ष मनोज सोनी ने शनिवार को मीरा मंदिर के बाहर भिक्षा व्रती में लिप्त बच्चों को लेकर रेस्क्यू कराया। एवं कई बच्चों का रेस्क्यू किया एवं रेस्क्यू कर उन्हें शिक्षा से जोड़ने एवं शिक्षा पुनर्वास को लेकर पहल की गई। इस सम्बंध में जब बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी को इस बात की सूचना मिली थी की कुछ बच्चे मीरा मंदिर के बाहर भिक्षा व्रती कर रहे है। ओर उधर इधर घूम रहे है। तब सूचना पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी एव मेड़ता सिटी थाना पुलिस की टीम ने मौक़े पर जाकर स्थिति को देखा एवं भिक्षा व्रती एवं स्ट्रीट चिल्ड्रन श्रेणी के बच्चों को रेस्क्यू किया।ओर रेस्क्यू कर बच्चों के परिजनों को पाबंद किया कि वह अपने बच्चों को किसी भी कार्यों का एसे कामों में नहीं भेजेंगे जो बाल हित के विपरीत हो।साथ ही शिक्षा से जोड़ने को लेकर पाबंद किया।
बच्चों से नहीं कराए भिक्षा व्रती का कार्य - मनोज सोनी
इसको लेकर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी ने बताया की बच्चे देश का भविष्य है।ओर जाने अनजाने में कई बार परिवार विशेष के लोगों द्वारा ज्ञान का अभाव या परिवार की बदहाल आर्थिक स्तिथि या योजना बध तरीक़े के चलते उन परिवारों के बच्चे शिक्षा एवं विकास से दूर चले जाते है।ओर करतब दिखाने,भिक्षा व्रती का कार्य करने,इधर उधर घूमने,बाल श्रम सहित अनेक विपरीत कार्यों में लिप्त हो जाते है। जिससे एसे बच्चे विकास एवं शिक्षा से दूर चले जाते है। इसको लेकर सोनी ने आह्वान किया की अगर परिवार की आर्थिक ठीक नहीं है वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने मे सक्षम नहीं है तो इसकी सूचना बाल कल्याण समिति नागौर को या स्थानीय प्रशासन या चाइल्ड हेल्प लाईन या पुलिस एवं शिक्षा विभाग को दे सकते है ताकी उन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने उन बच्चों के परिवारों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने की दिशा में काम किया जा सके। उन्होंने बताया कि बच्चों से भिक्षा व्रती कराना एव अपराध है ओर दोषियों के ख़िलाफ़ क़ानून में कार्रवाई को लेकर कड़ा प्रावधान है। इसलिए बच्चों से भिक्षा व्रती ना कराए।
बाल श्रम के ख़िलाफ़ भी मेड़ता सिटी की होटलों एवं ढाबों में होगी सर्वे की कार्रवाई
बाल भिक्षा व्रती रोकथाम के साथ साथ बच्चे बाल श्रम ना करे इसके लिए बाल कल्याण समिति न्यायपीठ अध्यक्ष मनोज सोनी ने बताया की बच्चों से बाल श्रम कराना एक गंभीर अपराध है। ओर क़ानून में नियोक्ता के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का प्रावधान है।इसको लेकर मेड़ता सिटी की होटल,ढाबों एवं व्यापारिक संस्थाओं को लेकर विभाग द्वारा सर्वे की कार्रवाई कराई जाएगी। ओर जहा कही भी कोई भी बालक बाल श्रम करता पाया गया संबंधित नियोक्ता के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। सोनी ने आह्वान किया की कोई भी नियोक्ता छोटे छोटे बच्चों से,नाबालिगों से बाल श्रम ना कराए। ना उन्हें अपने प्रतिष्ठानो में कार्य कराए।
शिक्षा से दूर हो चुके बच्चों की जानकारी एव सूचना समिति को दे - सोनी
इसको लेकर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी ने बताया कि कोविड त्रासदी के बाद कई परिवारो के बच्चे परिवार की हालात के चलते शिक्षा से दूर हो गए।पहले तो स्कूल जाते थे। लेकिन परिवार की बदली हालात के चलते वह बच्चे पुन शिक्षा से जुड़ नहीं पाए।तो एसे बच्चों की सूचना बाल कल्याण समिति नागौर,चाइल्ड हेल्प लाइन 1098,या स्थानीय प्रशासन को दे सकते है। ताकी नियम अनुसार उन बच्चों का पुन स्कूल में दाख़िला कराया जा सके।