बालक की मौत के बाद जागा प्रशासन: एक्सपायर दवाई रखने व अवैध रूप से उपचार करने के आरोप में झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार
बांसवाड़ा (राजस्थान) जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र में चिकित्सा विभाग ने अवैध रूप से संचालित झोलाछाप तथा कथित चिकित्सकों के खिलाफ सघन जांच एवं कार्यवाही अभियान बीसीएमओ डॉ गिरीश भाभोर के नेतृत्व में शुरू किया है जिसमें अवधि पार दवाई रखने तथा अवैध रूप से उपचार करने के आरोप में एक झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।
हम आपको बता दें कि पिछले दिनों झोलाछाप चिकित्सक के उपचार के बाद एक बच्चे की मौत हो गई जिसके बाद चिकित्सा विभाग हरकत में आया और उपखंड अधिकारी सहित पुलिस के सहयोग से सघन जांच अभियान चलाया गया, जिसकी सूचना मिलते ही कई झोलाछाप उन्हें अपने क्लीनिक बंद कर दिए और कुछ उपचार कर रहे झोलाछाप चिकित्सक क्लीनिक छोड़कर फरार हो गए जो काफी चर्चा में बना हुआ है
लेकिन सबसे बड़ी विचारने बात तो यह थी कि इस अभियान की सूचना इन कथित झोलाछापों को कैसे लग गई। आखिर विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही की सूचना झोलाछाप को कैसे मिली यह एक महत्वपूर्ण बिंदु माना जा रहा है
हम आपको बता दें कि कुशलगढ़ क्षेत्र में कई वर्षों से लगभग 50 से अधिक झोलाछाप जमे हुए है इन
कथित चिकित्सको, झोलाछाप डॉक्टरो, बंगाल सहायकों ने क्षेत्र में करोड़ों की संपत्ति बना रखी है वही बेशकीमती मकान डिस्पेंसरी इनके द्वारा संचालित की जा रही है लेकिन विभाग द्वारा इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई यदि कोई कार्यवाही होती भी है तो एक-दो दिन बाद वह ठंडे बस्ते में चली जाती है
बीसीएमओ डॉक्टर गिरीश भाभोर ने बताया कि ड्यूटी में गठित की गई जिनमें एक टीम में डॉक्टर अरुण गुप्ता ,डॉ रोशन लाल नायक, सिद्धार्थ पांचाल गिरीश पारंगी नायब तहसीलदार तथा दूसरी टीम का नेतृत्व स्वयं बीसीएम को कर रहे थे इस टीम में डॉक्टर मदनलाल जांगिड़ हितेश पांचाल श्रवण कुमार मदन लाल देवदा आदि शामिल रहे यह टीमें कुशलगढ़ क्षेत्र के पांडवा साथ बस्ती में गई तो सोमन कुमार निवासी पश्चिम बंगाल बेरोकटोक अवैध क्लीनिक पर उपचार कर रहा था जिसकी जांच के दौरान अवधि पार दवाइयां मिली जिस पर झोलाछाप डॉक्टर सोमन कुमार वर वहां से गिरफ्तार कर लिया गया
वही टीम ने टीम इंटर बस स्टैंड स्थित क्लीनिक पर छापेमारी की जहां आईडी विश्वास निवासी पश्चिम बंगाल उपचार कर रहा था जो टीम को देखकर मरीजों को क्लीनिक पर ही छोड़कर फरार हो गया जिसके क्लीनिक को सील कर दिया गया है
कार्यवाही के दौरान रामगढ़ में टीम को करना पड़ा विरोध का सामना
जब टीम कार्यवाही करने के लिए रामगढ़ क्षेत्र पहुंची तो वहां पर पश्चिम बंगाल के झोलाछाप डॉक्टर संजय राय अपने क्लीनिक पर उपचार कर रहे थे जब टीम क्लीनिक की जांच करने पहुंची तो के लोग झोलाछाप चिकित्सक के समर्थन में खड़े हो गए उस क्लीनिक पर ढेरों प्रकार की दवाइयां और मरीजों की भीड़ भाड़ थी किंतु विरोध के चलते बीसीएमओ की टीम वहां से कार्यवाही किए बिना ही वापस लौट गई,
बीसीएमओ का कहना है कि उस समय मौके पर पुलिस बल नहीं था साथी विरोध करने वाले लोग तितर-बितर हो गए प्राप्त जानकारी के अनुसार झोलाछाप चिकित्सक के यहां मेडिकल स्टोर से अधिक की दवाइयां संग्रहित मिली क्षेत्र में कई वर्षों से झोलाछाप अपना धंधा बेरोकटोक चला रहा था
लोगों में मुख्य रूप से चर्चा बनी हुई है कि विभाग व पुलिस प्रशासन मात्र एक-दो दिन ही कार्यवाही करता है कार्यवाही करने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है या तो विभाग कार्यवाही नियमित रूप से करें और लोगों की जान से खेलने वाले इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कठोर से कठोर कानून बनाकर कार्यवाही करें तो महत्वपूर्ण रहेगा