बुलट बाबा के हैरत अंगेज करतब :धर्म एवं सनातन धर्म की रक्षा करना मुख्य उद्देश्य
वैर (भरतपुर)कौशलेंद्र दत्तात्रेय
नाथ संप्रदाय के सन्त प्रहलाद नाथ बुलट बाबा के हैरत अंग्रेज करतब, सनातन धर्म का प्रचार प्रसार,वन संम्पदा व संत समाज सहित वन्यजीव जंतुओं का संरक्षण की भावना देख सन्त और क्षेत्र के लोग आश्चर्य करते हैं।साथ ही उनकी भावनाओं की कदर कर उनके द्वारा बताए जा रहे मार्ग के प्रति जागरुक होकर राष्ट्र, समाज, परिवार के प्रति लगाव और मानव सेवा,सन्त सेवा,गौवंश- धर्म रक्षा, सेवा, पर्यावरण संरक्षण आदि का संकल्प लेते हैं।
ड्राइवर से बने सन्त
अलवर जिले के कठूमर उपखंड के गांव कांकरोली के एक किसान व सम्पन परिवार में प्रहलाद सिंह वाहन चालक थे,जो सन्त समाज और मानव की सेवा करते थे।एक दिन उन्हे परिवारिक,घरेलू जीवन से नफरत हो गई। उन्होंने चालक की नौकरी छोड़कर संत बन गए। इन्होंने नाथ संप्रदाय में प्रवेश कर अपना गांव,परिवार और रिश्तेदार आदि त्याग दिए।
बीस वर्ष में 2 लाख किलोमीटर का सफर
नाथ संप्रदाय के संत प्रहलाद नाथ बुलट बाबा वर्ष 2003 में सन्त बने और उसी दिन से देश के कई राज्यों में भ्रमण कर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा संत समाज की सेवा व वन्यजीव जंतुओं की रक्षा, गौवंश सेवा आदि की अलख जगाई और2003 से आज तक दो लाख से अधिक किलोमीटर का सफर तय कर लिया।
बाबा की बुलट पर सुविधाए
संत प्रहलाद नाथ की बुलट मोटर साइकिल पर अनेक सुविधाएं है। जिसमे हुक्का,माइक, अस्थाई रैन बसेरा, प्याऊ, सोलर लाइट,जिम,रसोई, योग के उपकरण,सुरक्षा, पौधशाला आदि सुविधाएं मौजूद है।
संत प्रहलाद नाथ जब कभी भी जयपुर नेशनल हाईवे व धौलपुर स्टेट मेगा हाईवे सहित अन्य मार्ग से गुजरते हैं तो ये हाथ छोड़कर मोटर साइकिल को चलाते हैं और कभी-कभी चलती हुई बुलट पर खड़े होकर भगवा ध्वज को लेकर फहराते हैं। इनके अलावा ये सन्त अनेक हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं। इनको देखकर क्षेत्र के लोग व सन्त समाज दंग रह जाते हैं।
बाबा के मुख्य उद्देश्य
नाथ संप्रदाय के संत प्रहलाद नाथ का मुख्य उद्देश्य है कि विश्वशांति, परिवार कल्याण,मानव सेवा,संत सेवा,गौसेवा,धर्म की रक्षा, धार्मिक स्थल की सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम,प्राकृतिक कृषि, वन संप्रदा की रक्षा,आत्मनिर्भर भारत,
गरीब अनाथ व जरूरतमंद लोगों को भोजन पानी की सुविधा आदि।