चंबल अलवर-भरतपुर पेयजल परियोजना को मिली स्वीकृति

Aug 3, 2023 - 15:38
Aug 3, 2023 - 17:56
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चंबल अलवर-भरतपुर पेयजल परियोजना को मिली स्वीकृति

वैर, भरतपुर, राजस्थान(कौशलेंद्र दत्तात्रेय)

भरतपुर  चम्बल अलवर भरतपुर पेयजल परियोजना के तहत भरतपुर जिले के बयाना, वैर ,भुसावर एवं नदबई के 355 गांव के 5 लाख 39 हजार लोगों को चम्बल का  शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाएगा। करीब 5432.96 करोड़ रुपए की इस परियोजना को स्वीकृति मिल गई है। अब जमीन आवंटन व अधिग्रहण की कार्यवाही जारी है। वर्क आर्डर मिलने के बाद 2 वर्ष में यह योजना साकार होने का अनुमान है। इसके बाद अब तक चम्बल से अछूते रहे बयाना, वैर, भुसावर व नदबई  में भी चंबल का पानी पहुंचेगा। अभी तक जिले के भरतपुर, रूपबास ,उच्चैन ,सेवर, कुम्हेर,डीग, नगर ,कामा एवं पहाड़ी ब्लाक के गांवों में चंम्बल का पानी पहुंचाने की कवायद की जा रही है। लेकिन अब बयाना, वैर, भुसावर और नदबई ब्लॉक में भी चंम्बल का पानी पहुंचाया जाएगा। जिसमें चारों ब्लॉकों के 355 गांव में रहने वाले 5 लाख 39 हजार 393 लोगों को फायदा मिलेगा। इन गांवो को चम्बल अलवर पेयजल परियोजना में शामिल किया गया है ।जिसमें अलवर जिले के 882 गांवों के 13 लाख 12 हजार 997 लोगों को चम्बल का शुद्ध पानी मिलेगा।

 पूरे प्रोजेक्ट में बनेगी 108 टंकियां

 इस परियोजना में अलवर एवं भरतपुर जिले के 1237 गांव की जल मांग को शामिल किया गया है। धौलपुर से लेकर भरतपुर व अलवर तक पूरे प्रोजेक्ट में 108 टंकियां बनाई जाएंगी‌ धौलपुर में चंबल दी पर इंटैक वैल बनाया जाएगा। 32 एमसीएम का रोवाटर रिजर्व वायर बनाया जाएगा। 330 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा और 611 किलोमीटर की ट्रांसमीशन पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना में केवलादेव घना की पानी की मांग को भी शामिल किया गया है‌ जानकारी के अनुसार इस समस्या के समाधान को लेकर भरतपुर जिले में बहुत समय से मांग की जा रही थी। जो अब जाकर पूरी होगी।

कितने ब्लाकों के कितने गांव शामिल

इस परियोजना में भरतपुर जिले के गांवों की बात करें तो बयाना ब्लॉक के 88 , भुसावर ब्लॉक के 66 नदबई ब्लॉक के 117,वैर ब्लॉक के 82, और उच्चैन ब्लॉक के 2 गांव शामिल हैं। चम्बल घड़ियाल सेंचुरी के चलते इस परियोजना के लिए इंटैक वैल बनाने को पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृती प्रक्रियाधीन है।

वर्क आर्डर के बाद दो बर्ष में पूर्ण होगा कार्य

चम्बल परियोजना के अधीक्षण अभियंता मुकेश चंद अग्रवाल के अनुसार योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। फिलहाल इंटैक वैल बनाने के लिए जमीन आवंटन व अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।वर्क आर्डर मिलने के बाद दो बर्ष में कार्य पूर्ण किया जाना संभावित है। इस परियोजना के साकार होने के बाद जिले की आबादी को खारे पानी की समस्या से निजात मिलेगी और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।

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