चिरंजीवी योजना मासूम के लिए बनी वरदान मिला नया जीवन
करवर (बूंदी, राजस्थान/ राकेश नामा) क्षेत्र मे बालापुरा पंचायत के नाहरगंज से सरकार द्वारा चलाई जा रही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब,मासूमों के लिए जीवनदायिनी संजीवनी साबित हो रही है ऐसा ही एक मामला जरखोदा पंचायत के नाहरगंज ग्राम से सामने आया जिसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ( आरबीएसके ) टीम के डॉक्टर लालचंद खटीक, डॉ अनीता मीणा ,फार्मासिस्ट बलराम शर्मा ने नाहरगंज आंगनबाड़ी केन्द्र पर गत 10 नवंबर को बच्चो का स्वास्थ्य परीक्षण किया ,इस दौरान कविता पुत्री हंसराज नागर उम्र तीन साल में कमजोर स्वास्थ्य संबंधी परिलक्षित लक्षणों के मध्य नजर बालिका के पिता हंसराज से बात की। जिस पर उन्होंने बताया कि बालिका को बार-बार निमोनिया की शिकायत रहती हैं।, बालिका मे अन्य बच्चों की अपेक्षा ग्रोथ भी कम दिखाई दी। स्वास्थ्य रिपोर्ट के मद्देनजर मुख्य ब्लॉक चिकित्सा एवम् स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.पी. नागर के दिशा निर्देशानुसार बालिका का रेफर कार्ड स्वास्थ्य परीक्षण टीम के द्वारा बनाया गया। जिसके पश्चात जिला आरबीएसके एडीएनओ डॉ. प्रियंका भारद्वाज के दिशा निर्देश अनुसार मेडिकल कालेज कोटा में बालिका की स्वास्थ्य संबंधी जांच की गई। जांच रिपोर्ट में बालिका के दिल में छेद होना पाया गया तथा चिकित्सकों ने ऑपरेशन के लिए परामर्श दिया। जिसके पश्चात बालिका को 11 जनवरी को ऑपरेशन के लिए कोटा भारत विकास परिषद भेजा गया। जहां पर 16 जनवरी को बालिका का सफल ऑपरेशन किया गया। जानकारी के अनुसार अभी बालिका पूर्ण रूप से स्वस्थ है,लगातार स्वास्थ्य टीम द्वारा बालिका के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
हंसराज नागर (बालिका के पिता) का कहना है कि- इस योजना से मेरी बच्ची को नया जीवन दान मिला है , मेरी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मैं इस ऑपरेशन का खर्चा दो से तीन लाख रूपये वहन करने में अक्षम था
डॉक्टर एलपी नागर (ब्लॉक सीएमएचओ नैनवां) का कहना है कि- चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना गरीबों के लिए बनी वरदान नाहरगंज की नन्ही बालिका को मिला नया जीवन जैसा की विधित है कि बालिका के दिल में छेद पाया गया जिसके पश्चात आरबीएसके टीम के प्रयासों से चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बालिका का सफल ऑपरेशन करवाया गया बालिका के दिल के छेद का ऑपरेशन में प्राइवेट स्तर पर यदि इलाज करवाया जाता तो तकरीबन दो से तीन लाख रूपए का खर्चा होना संभव था। जिसको वहन करने में परिवार पूरी तरह से असमर्थ था।मगर सरकार द्वारा चलाई जा रही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना बालिका व परिवार के लिए वरदान साबित हुई। आखिर बालिका को एक नया जीवन मिल पाया
डॉक्टर लालचंद (टीम के सदस्य) का कहना है कि- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में कैंप लगाकर ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है और साथ ही उचित इलाज की व्यवस्था की जा रही है