लक्ष्मणगढ़ में स्वच्छता अभियान को भ्रष्टाचार की चादर ने किया मैला
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ कमलेश जैन) स्वच्छता अभियान को भ्रष्टाचार से अधिकारियों ने चादर को मैला कर दिया है। शौचालय निर्माण में गांव के सचिव और पंचायत समिति विकास अधिकारी ने कमीशन की लालच में इसमें निर्माण कार्य हुआ नहीं और पैसे का भुगतान भी हो गया। वित्तीय वर्ष 2020 -21 मे विभागीय सूत्रों की मानें तो इस गड़बड़ी में तत्कालीन सचिव रविंद्र शर्मा और विकास अधिकारी दिनेश शर्मा पर जल्द मुकदमा दर्ज हो। ग्राम पंचायत जावली की ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला पकड़ा गया।
गांवों के सचिवों को स्वच्छ भारत मिशन व स्वच्छ करने व खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा गांवों में शौचालय, कूड़ा निस्तारण योजना, गंदा पानी सोख्ते में जाए आदि-आदि प्लान दिए गए। वक्त पर तत्कालीन एक शीर्ष अधिकारी के चलते शौचालय निर्माण की सारी जिम्मेदारी ग्राम सचिव को दे दी गई। ऐसा खेल खेला कि बगैर कोई निर्माण के गांव को ओडीएफ गांव घोषित कर दिया। यह मामला लाभार्थियों की शिकायत पर खुल गया। सरकार के आदेश अनुसार हर परिवार को शौचालय बनाकर दिया जाए। 12 हजार रुपये की लागत से बनने वाले इन शौचालयों में न तो ईंट ही एक नंबर की लगी, न बालू ठीक है, वहीं गड्ढों आकार छोटा और दरवाजे भी एकदम कमजोर हैं।
एक आंकलन है कि बमुश्किल एक शौचालय छह से सात हजार में ही बन गया। इन गांवों में शौचालय निर्माण पूरा भी नहीं हुआ है कि शौचालयों का गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। या यहा शौचालय बनाया ही नहीं गया। अब जांच शुरू हुई है तो सारे तथ्य सामने आए । सभी गांवों में पंचायत समिति विकास अधिकारी वैद दिनेश शर्मा के कार्यकाल में बने शौचालय निर्माण की जांच कराई गई । घर-घर सत्यापन किया गया । कुछ मामले और सामने आना बाकी है। उनके खिलाफ गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई जाने के आदेश प्रसारित विभाग द्वारा जारी कराए जाए