आईसीटी योजना अंतर्गत प्रदेश के सरकारी विद्यालयो में कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशकों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन: मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
बजट में CM की घोषणा के बाद भी 525 आईसीटी कंप्यूटर अनुदेशक हुए बेरोजगार
जयपुर (24 अप्रेल/ राजस्थान) राजस्थान के बजट सत्र 2023-24 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बढ़ती बेरोजगारी के दौर में प्लेसमेंट एजेंसी अथवा ठेका पद्धति के माध्यम से सरकारी कार्यालय में कार्य कर रहे कार्मिकों की समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए उन्हें 1 अप्रैल से सरकारी प्लेसमेंट एजेंसी का रेक्सको की तर्ज गठन कर राहत दिलाने की घोषणा की थी बजट सत्र को 2 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत कार्मिको के लिए कोई भी सूचना अथवा निर्देश जारी नही किए गए हैं
जिसके चलते हैं आज राजस्थान प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आईसीटी-चतुर्थ फेस योजना अंतर्गत लगे आईसीटी कंप्यूटर अनुदेशक बेरोजगार हो गए है अब प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा सरकारी विद्यालय में कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशकों को विद्यालय जाने से मना कर दिया है ऐसे में प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से सरकारी स्कूलों में कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशक बेरोजगारी की ओर अग्रसर हो गए हैं
ICT कम्प्यूटर शिक्षक के प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद ने बताया कि पूर्व में भी कई बार कंप्यूटर अनुदेशकों के द्वारा जिला कलेक्टर विधायक एवं मंत्रियों को भी ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या से अवगत कराया है लेकिन इस और सरकार का अभी तक कोई भी ध्यान नहीं है।
आईसीटी-IV फेस कंप्यूटर अनुदेशकों का कहना है कि सरकार द्वारा विद्यार्थियों के हितों के मध्यनजर शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों में चलाई जा चलाई जा रही आईसीटी-चतुर्थ फेस योजना अंतर्गत कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशक (ऑपरेटर) प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से पिछले कई वर्षों से अपने कुशल सेवाएं दे रहे हैं तथा नियमित रूप से विभाग का कार्य कर रहे हैं प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा हमें न्यूनतम मानदेय ₹5000 प्रतिमाह भुगतान किया जाता है जो आज के समय में महंगाई को देखते हुए बहुत ही कम व असुविधाजनक है, बहुत कम मानदेय में काफी वर्षों से सरकारी कार्यालयों में सेवाएं दे रहे हैं विगत दिनों में राज्य सरकार द्वारा संविदा कर्मियों को नियमित करने का फैसला लिया है जिसमें कंप्यूटर अनुदेशकों / ऑपरेटरों को संविदा केडर में शामिल नहीं किया गया है,
पिछले कई वर्षों से राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत लगभग 1500 कंप्यूटर अनुदेशकों द्वारा आईसीटी लैब की देखरेख ऑनलाइन क्लास, शाला दर्पण का कार्य, सैलरी बिल तैयार करना, प्रतिदिन सूचनाएं तैयार करना आदि कार्य कुशलता पूर्वक किया जा रहा है अबकी बार सरकार ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक विद्यालय पाठशाला सहायक, मदरसा पैराटीचर तथा चिकित्सा क्षेत्र में संविदा प्लेसमेंट एजेंसी ठेका प्रथा अथवा निविदा पर लगे कार्मिकों को नियमितीकरण व समायोजन का कार्य कर रही है लेकिन पिछले काफी समय से विद्यालयों में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे कंप्यूटर अनुदेशकों पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है जबकि हम भी शिक्षा विभाग से जुड़े हुए हैं और अल्प मानदेय पाकर अपने सेवाएं दे रहे हैं बेरोजगारी के समय में अल्प आय में जीवन यापन करना काफी परेशानी जनक है
राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशकों की ने निम्न मांगो का निराकारण कराने की मुख्यमंत्री से मांग
1. नियुक्ति, प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशकों को रेकस्को में शामिल करवाकर स्थाई नियुक्ति कराकर सभी कम्प्यूटर अनुदेशकों को अनुग्रहित करे, क्योंकि क्योकि आज सभी ICT कंप्यूटर अनुदेशक बेरोजगार हो गए है
2. वेतन वृद्धिः- राज्य के सरकारी विद्यालयो में कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशकों को प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से 4300 से 5000 का वेतन दिया जा रहा है और आज काफी वर्ष बीतने के बाद भी आजतक मानदेय में कोई भी वृद्धि नहीं की गई है न्यूनतम मानदेय पाकर परिवार सहित जीवन व्यापन कर पाना काफी कठिन है, सरकार से हमारा अनुरोध है कि प्रतिवर्ष नियमानुसार मानदेय में वृद्धि कराई जावे।
इस दौरान महेश चंद, विजय कुमार ,योगेंद्र सिंह, नरहरी सारस्वत, महेश शाहु, इमरान खान, लेखराज गुर्जर, उमेश सैनी, सोहेल खान, संतोष बेरवा, चिरंजीलाल, राहुल शर्मा, प्रदीप शर्मा, बंटी यादव, योगेंद्र द्विवेदी, मुकेश यादव, प्रिया राजपूत, रेखा बाई सहित अन्य आईसीटी कंप्यूटर अनुदेशक मौजूद रहे