आपातकाल के दौरान जंजीरों में जकड़ लिया था लोकतंत्र - चौहान
भाजपा नगर मंडल ने आपातकाल के सेनानियों का सम्मान किया, तत्कालीन शासन व इंदिरा गांधी की दमनकारी नीतियों की आलोचना कर लोकतंत्र की हत्या बताया
सिरोही (राजस्थान/ रमेश सुथार) देश में 25 जून 1975 को जन भावनाओं को कुचलकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कैद कर लिया था भारतीय राजनीति के इतिहास का वो काला अध्याय जिसमे लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोगों पर तानाशाही चलाकर अत्याचार, जुल्म, बर्बरता पूर्ण कार्यवाही करके लोगो से जीने- बोलने का हक छीनकर आजादी एवं लोकतंत्र को जंजीरों में जकड़ लिया था यह उदगार भाजपा नगर मंडल सिरोही द्वारा आयोजित आपातकाल के काला दिवस के मौके पर आयोजित मुख्य वक्ता वरिष्ठ भाजपा नेता एडवोकेट वीरेंद्रसिंह चौहान ने कार्यक्रम में व्यक्त किए।
शनिवार को मुख्यालय के श्रीमाली छात्रावास सभागार में आयोजित आपातकाल की बरसी पर शहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के जिला संयोजक नारायण देवासी एवं नगर अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल के सानिध्य में तत्कालीन शासन के अत्याचार, दमन के खिलाफ आवाज उठाने वाले सेनानियों का स्मरण करके सम्मान किया। कार्यकर्ताओं से मुखातिब होकर मुख्य वक्ता वीरेंद्रसिंह चौहान ने कांग्रेस पार्टी पर बार-बार लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का विरोध, ईडी द्वारा गांधी परिवार को जांच हेतु बुलाने पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का काम हो या राष्ट्रहित की अग्निवीर योजना का विरोध करना यह सभी कांग्रेस के चाल चरित्र को दिखाता है। कांग्रेस पर हमला बोलकर चौहान ने कहा कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी एसआईटी पर फैसला देकर तीस्ता शीतलवाड़ के पीछे छुपी कांग्रेस पर प्रहार किया है। इसी प्रकार नारायण देवासी ने देश पर आपातकाल थोपकर तत्कालीन सरकार पर असहनीय यातनाएं देने और इंदिरा के अहंकारी रवैये की कड़ी निंदा करते हुए उसे येन केन प्रकरेण जन विरोध के बावजूद सत्ता में बने रहने का हथकंडा बताया। देवासी ने इस मौके पर इमरजेंसी के उन राष्ट्रवादी संघर्ष करने वाले सेनानियों को नमन वंदन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में आपातकाल के सेनानी शंकरलाल माली का मंडल की ओर से स्वागत सम्मान किया गया। इसी तरह वरिष्ठ नेता एडवोकेट हंसराज पुरोहित के निवास पर जाकर उनका सम्मान किया गया। कार्यकर्ताओं ने आपातकाल के विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर कार्यक्रम में भाग लिया।
शंकरलाल माली ने संघर्ष की दास्तां सुनाई - संघर्ष के साक्षी और आपातकाल में जेल में रहे शंकरलाल माली ने आपातकाल के कालखंड की दास्तां बयान कर सभी के रोंगटे खड़े कर दिए। उन्होंने बताया कि जिस जिस ने भी कांग्रेस की अत्याचारी नीतियों का विरोध किया उन पर जुल्म ढाए और जेलों में बंद कर दिया गया। माली ने कांग्रेस पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाकर कहा कि राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पाबंदी लगाकर कांग्रेस ने देशभक्तों को दबाने के कई षड्यंत्र रचे।
लोकतंत्र की रक्षा की प्रतिबद्धता का संकल्प - कार्यक्रम के दौरान भाजपा नगर अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल ने तत्कालीन इंदिरा सरकार के थोपे आपातकाल और दमनकारी नीतियों को जन जन को अवगत करवाने की आवश्यकता बताते हुए कहा की आज के मौके पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता का संकल्प लें। कार्यक्रम के पश्चात सभी कार्यकर्ता रैली के रूप में अंबेडकर सर्किल पहुंचे जहां उन्होंने आपातकाल के अमर सेनानीयो को याद करके कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए।
इनकी रही उपस्थिति - कार्यक्रम में आयोजन के संयोजक महिपालसिंह चारण, सहसंयोजक वीरेंद्र एम चौहान, जब्बरसिंह चौहान, एडवोकेट अशोक पुरोहित, श्रीमती दमयंती डाबी, श्रीमती हेमलता पुरोहित, गोपाल माली, पार्षद गीता पुरोहित, महेंद्र माली, अजय भट्ट, हरिकिशन रावल, हितेंद्र ओझा, चिराग रावल, ललित प्रजापत, प्रवीण राठौड, मणिदेवी माली, गोविंद माली, चुन्नीलाल पटेल, गोविंदसिंह बारड़, रमजान भाई, वीरेंद्रसिंह सोलंकी, अनिल प्रजापत, कपूराराम पटेल, मानक सोनी, महेंद्र खंडेलवाल, सुनील गुप्ता, इंदरसिंह मकवाना, शैतानसिंह परमार, भंवरलाल माली,हरीश दवे, गोविंद सैनी, रामेश्वर कंसारा, सौरव बंगाली, सुरेश परमार सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।