मुण्डावर पंचायत समिति में विकास अधिकारी गुलाब सिंह गुर्जर कुर्सी से नदारद
मुण्डावर / चरणसिंह
पिछले दिनों राज्य सभा चुनाव के दौरान भले ही अधिकांश कांग्रेसी नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी के द्वारा की जा रही उपेक्षा का मुद्दा उठाया हो और मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया हो लेकिन लगता नहीं कि निचले स्तर पर अभी भी सरकारी अधिकारियों में कहीं सरकार का खौफ नजर आता हो यही कुछ आलम दिखाई दिया मुंडावर पंचायत समिति में जहां पर विकास अधिकारी सोमवार को भी अपनी कुर्सी से नदारद मिले सोमवार इसलिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि शनिवार और इतवार के बाद सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों से अपने कामों के लिए पंचायत समिति पहुंचने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है और इस दिन भी अगर वहां अधिकारी नहीं मिलता तो इससे सरकारी कामकाज पर कितना असर पड़ता होगा और ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों को कितनी असुविधा होती होगी इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है पिछले दिनों प्रधान की ओर से भी इस पर नाराजगी जताई जाने के बावजूद आलम नहीं बदला सरपंच संघ और प्रधान पहले से ही उनकी कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं लेकिन बजाय सुधार करने के लगातार सरकारी जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है और सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है ग्रामीणों को जहां उनके काम नहीं हो पाए इस पूरे वाकए की शिकायत उच्च अधिकारियों और आला नेताओं को भी की गई है