सुमेरपुर उपखंड को फ्लोराइड एवं एनीमिया मुक्त करने का चिकित्सक ने उठाया बीड़ा: पंचायत समिति ने बनाया ब्रांड एम्बेसडर
स्कूलों में शुद्ध पेयजल के लिए दानदाताओं से उपलब्ध करवाएगें आरओ प्लांट, जनजागृति के लिए बच्चों से रूबरू होने की बनाएगें कार्ययोजना
तखतगढ़ (पाली/ बरकत खान) बचपन में बच्चों के हालातों को देखकर जब मन में उनके सुधार के भाव पैदा हुए थे। तब स्वयं बड़े होकर अध्ययन करके चिकित्सक बने। मूलरूप से गुजरात के निवासी चिकित्सक बिमलशाह ने सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र के गांवों को फ्लोराइड एवं एनिमिया मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होने स्कूलों में बच्चों के लिए दानदाताओं से सम्पर्क करके पीने के पानी की व्यवस्था के लिए आरओ उपलब्ध करवाने की ठानी है। सुमेरपुर के स्वामी विवेकानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय से शुभारंभ करने की कार्ययोजना है। साथ ही, जनजागृति के लिए दौरा करने का निर्णय किया है। वे सुमेरपुर के भगवान महावीर मे सेवारत है|जबकि चिकित्सक की पत्नी भी आंखो की चिकित्सक है| उनका कहना है कि बचपन में पीने के पानी में फ्लोराईड से दांतों में पीलापन, ब्रेन एवं हड्डियों की कमजोरी होती है। नई पीढ़ी में इन बीमारियों के प्रति एवं एनिमिया को लेकर सर्वे करवा रहे है। वे सरकार से भी इस संबंध में मदद के लिए प्रयास कर रहे है। 28सालों से चिकित्सा सेवा में उन्होने गांवों के प्रति पहल शुरू की है।
-शिवगंज में भी दो स्कूलों में दिए थे आरओ- चिकित्सक के प्रयास से चूली एवं बादला के स्कूलों में आरओ उपलब्ध करवाएं थे। उन्होने स्कूलों में समय के अनुरूप जनजागृति के लिए बच्चों को भी पेयजल, शिक्षा, एनीमिया आदि के बारे में भी योजना बनाई है।उन्होने उपखंड अधिकारी भागीरथ विश्नोई से चर्चा की थी। सुमेरपुर पंचायत समिति ने बनाया ब्रांड एम्बेसडर- एनीमिया मुक्त भारत एवं फ्लोराइड मुक्त पेयजल के लिए प्रत्येक गांव पंचायत,सरकारी स्कूलें,आगंनवाड़ी केन्द्र सहित सरकारी संस्थाओं में एनीमिया मुक्त एवं जमीनी कार्ययोजना के लिए ब्रांड एम्बेसेडर घोषित किया है। विकास अधिकारी सोहनलाल ने इसका एक आदेश जारी किया है|
फ्लोराइड क्या है और यह कहाँ पाया जाता है- फ्लोराइड नाम उस यौगिक समूह को दिया गया है जो फ्लोरीन से बने प्राकृतिक तत्व होते हैं। फ्लोराइड पानी और मिट्टी में विभिन्न स्तरों पर मौजूद होते हैं। 1940 में वैज्ञानिकों ने पाया था कि जहाँ पानी में फ्लोराइड की मात्रा पानी के एक मिलियन हिस्से में एक से अधिक होती है वहाँ के लोगों के दाँत में कैविटी ज्यादा जमती है बनिस्पत ऐसे इलाकों के जहाँ पानी में फ्लोराइड की मात्रा इससे कम होती है। बाद के कई अध्ययनों ने इस बात को प्रमाणित किया है। आने वाले वक्त में यह भी पता चला कि फ्लोराइड दांतों की सुरक्षा कर सकता है और उसे बैक्टीरिया से भी बचा सकता है।
यह बैक्टीरिया मुंह में अम्ल बनाता है और खनिज तत्वों को नुकसान पहुँचाता हैए जिससे दांतों पर एनामेल फिर से बनते हैं और यह घिसने लगता है।दांतों के निर्माण के साथ.साथ यह हड्डियों में भी घुलने लगता है। जब रूटीन मॉनिटरिंग से जाहिर हो कि आपके पेयजल में फ्लोराइड एमसीएल से अधिक है तो आपके वाटर सप्लायर को फ्लोराइड लेवल कम करने के लिये प्रयास करना चाहिए। वाटर सप्लायर को जल्द से जल्द इस बात की सूचना अपने उपभोक्ताओं को दे देनी चाहिए 30 दिनों के अंदर। खतरे से बचाव के लिये उन्हें पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
एनीमिया पर एक नजर- शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी या खराब लाल रक्त कोशिकाओं के कारण होता है,इसके कारण शरीर के अंगों में ऑक्सीजन पहुंचना कम हो जाता है| हर साल 1 करोड़ से ज़्यादा मामले भारत में आ रहे है| चिकित्सक से जाँच कराना ज़रूरी होता है प्रयोगशाला परीक्षणों या इमेजिंग की हमेशा आवश्यकता होती है|लक्षणों में थकान, त्वचा का पीलापन, सांस फूलना, सिर घूमना, चक्कर आना, या दिल की तेज़ धड़कन शामिल हो सकते है|