2000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने से पहले इसके प्रभाव का अध्ययन जरूरी: मायावती
लखनऊ (उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की घोषणा को जनहित को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला फैसला बताते हुए रविवार को कहा कि ऐसा करने से पहले इसके प्रभाव एवं परिणाम का समुचित अध्ययन जरूरी है। बसपा प्रमुख ने ट्वीट किय, “मुद्रा और वैश्विक बाजार में उसकी कीमत का संबंध देश के हित एवं प्रतिष्ठा से जुड़े होने के कारण इसमें जल्दी-जल्दी बदलाव करना जनहित को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।" मायावती ने सलाह देते हुए कहा, "इसीलिए ऐसा करने से पहले इसके प्रभाव एवं परिणाम पर समुचित अध्ययन जरूरी है। सरकार इस पर जरूर ध्यान दे ।" उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की थी। हालांकि इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे । इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा है।