हाईकोर्ट पाबंदी के बाद भी अंता क्षेत्र की सड़कों पर दौड़ रहे हैं मौत के जुगाड़: हादसे के बाद टूटेगी प्रशासन की नींद
अपना पेट पालने के लिए दूसरो की जिंदगी उजाड़ने वाले प्रतिबंधित जुगाड़ प्रशासन की नाक के नीचे लोगो की रेलमपेल में फर्राटे भर रहे गन्ने जूस के जुगाड़
अंता (बाराँ, राजस्थान/शफीक मंसूरी) अंता क्षेत्र में प्रतिबंधित जुगाड़ प्रशासन की नाक के नीचे हर रोज फर्राटे भर रहे हैं हाईकोर्ट पाबंदी के बावजूद लोगो की रेलमपेल में गन्ने के जूस के जुगाड़ भरी गर्मी में लोगो का गला तो तर कर रहे है साथ ही ऐसे जुगाड़ से लोगो की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो सकता है आपको बता दे अक्सर जुगाड़ से तो सभी वाकिफ होंगे नहीं तो हम आपको बता दे लगभग 20 वर्ष पूर्व पानी के इंजन से बनाए गए जुगाड़ का इजात खेती के लिय चलन में आया था ताकि किसान अपने खेतों के लिए खाद बीज चारा जेसे रोज मर्रा के काम जुगाड़ से कर लिया करते थे लेकिन लोगो ने जुगाड़ में कई तरह की डिजाइन कर परिवहन में काम लेने लग गए यहां तक के स्कूल के बच्चों सहित आस पास के गावों से शहर तक सवारियों पर चलने लगे धीरे धीरे जुगाड़ का चलन गांव गांव ढाणी ढाणी शहर शहर राजस्थान में हजारों की संख्या में जुगाड़ फर्राटा भरने लगे ना सरकार का इन पर कोई नियंत्रण नहीं मोटर व्हीकल का नियम लागू ना ही ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस और जुगाड़ का रजिस्ट्रेशन ना फिटनेस जब जुगाड़ से दुर्घटना पर दुर्घटना कई जगह पलट जाना जब तक भी सरकार नहीं चेती लेकिन जब जुगाड़ से आए दिन सड़के खून से लाल होने लगी तो हाईकोर्ट ने पूरे राजस्थान में जुगाड़ को बेन कर दिया लेकिन फिर सालो बाद प्रशासन की लापरवाही से धीरे धीरे फिर जुगाड़ फर्राटे भरतेे नजर आ रहे हैं जब तक कोई घटना दुर्घटना नहीं हो जाती प्रशासन चेतेगा नहीं
विभाग की बेरोक टोक के चलते चल रहे जुगाड़, वाहन पर गन्ने का जूस बेचने का कारोबार थमता नजर नहीं आ रहा है जिसके कारण अंता क्षेत्र में प्रतिबंधित होने के बावजूद कस्बों, गांवों व मेन बाजार, नहर बमोरी में जुगाड़ देखे जा सकते हैं जुगाड़ पर गन्ने का जूस बेचने पर पूरी तरह से पाबंधी है जुगाड़ दिन भर चलते फिरते गन्ने का जूस बेचते है जिनका सेंपल तक भरने की विभाग ने आज तक जहमत नहीं उठाई।
वैसे ट्राफिक विभाग बगैर हैलमेट किसी को वाहन चलाने नहीं देता लेकिन कस्बे में गन्ना जूस वाहन पर लोग घूमते रहते है जिसमें इंजन की मदद से रेस को दबा कर तेज रफ्तार से चलाया जाता है लेकिन प्रशासन इसे चलाने वाले का न तो कोई कागज लाईसेंस पूछता है जिससे चालान न होने के डर से इन वाहनों की संख्या कस्बे में बढ़ रही है। ये वाहन पानी खींचने वाले इंजन से बना है। चालू करने के लिए स्टार्टर लगा है। इसे चलाने के लिए हैंडिल और सीट भी दी गई है। साथ ही पानी रखने, गन्ना रखने, डस्टबिन रखने और गन्ने का रस निकालने के बाद गन्ने की खोई को रखने के लिए छत पर जगह बनी हुई है। डिस्पोज छत के नीचे टांग दिए जाते। गाड़ी के एक-एक इंच का उपयोग किया गया है।
बिना रोड टैक्स की दौड़ती हैं जुगाड़ गाड़ियां
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार जुगाड़ किसी वाहन की श्रेणी में नहीं आते हैं। आम वाहनों के लिए रोड टैक्स, इंश्योरेंस फिटनेस सहित तमाम तरीके टैक्स देय होते हैं मगर इन वाहनों के चालक कोई टैक्स नहीं देते। नए वाहन एक्ट के अनुसार सड़क पर बिना पंजीयन कोई गाड़ी चलाना अपराध है। वाहन का मूल स्वरूप बदलकर चलाना भी अपराध जानकार सूत्रों के अनुसार वाहन का स्वरूप बदल कर जुगाड के रूप में इस्तेमाल करना, ठेले में बाइक या स्कूटर का इंजन जोड़कर चलाना, यहां तक बाइक में भी कंपनी की ओर से दिए गए साइलेंसर, हॉर्न आदि के अलावा अलग से साइलेंसर या हॉर्न लगवाकर गाड़ी चलाना अपराध है। पकड़े जाने पर आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस वाहनों को सीज कर देती ऑटो का स्वरूप बदलकर भी कई लोग मालवाहक वाहन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं जो गलत है।