आखिरकार कब ध्यान दिया जायेगा रैणी के सरकारी अस्पताल पर विधायक और राजस्थान सरकार द्वारा: डाक्टर्स बिना आमजन परेशान
रैणी (अलवर, राजस्थान ) अलवर जिले के रैणी उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सिर्फ और सिर्फ दो ही डाक्टर्स मौजूद है उनमे भी एक डाक्टर तो डेन्टल वाला है तथा दूसरा सीएचसी प्रभारी के रूप मे है जिससे आमजन को बहुत भारी परेशानी उठानी पड रही है रैणी सीएचसी पर क्योंकि इन दिनो मौसमी बिमारियो से ओपीडी प्रतिदिन 400--500 रहती है ऐसे मे अकेला डाक्टर कैसे देख पाता है इतने सारे मरीजो को । एक डाक्टर और 400--500 मरीज तो साफ तौर पर जाहिर है कि आमजन को इलाज भी सही नही मिल पा रहा है
रैणी सीएचसी पर लेकिन स्थानीय विधायक तो इसे गम्भीरतापूर्वक ले ही नही रहा है और विधायक द्वारा तथा राजस्थान सरकार द्वारा अभी तक भी कोई व्यवस्था नही की जा रही रैणी सरकारी अस्पताल मे।इस रैणी अस्पताल मे महिला डाक्टर और महिलाओ के लिए महिला कम्पाउण्डर तक नही है अभी तक भी।
रैणी बीसीएमओ दिनेश कुमार मीना को भी मजबूरी मे बैठना पडता है कभी कभी ओपीडी मे लेकिन बीसीएमओ मीना को फील्ड मे भी जाना पड़ता है इसलिए पूरा समय ओपीडी मे भी नही दे सकता है इसी तरह से सीएचसी प्रभारी को भी अनेक प्रकार के ऑफिशियल काम भी पडते रहते है लेकिन फिर भी अपनी सभी जिम्मेदारी को निभाते हुए मरीजो को भी सतत रूप से देखते रहते है दोनो ही डाक्टर्स और बीसीएमओ भी। दैनिक ओपीडी बहुत ज्यादा होने के कारण डाक्टर्स को लगातार पूरे समय भीडभाड भरे माहौल मे सारी टाइम तक लगातार मरीजो को देखना पड़ता है ।
यह हालात है अलवर के रैणी उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के जहा पर 7 पद स्वीकृत तो है लेकिन दो ही डाक्टर्स मौजूद है जिनमे कोई भी डाक्टर्स महिला चिकित्सक नही है और ना ही कोई भी शिशु रोग विशेषज्ञ है जबकि यह सीएचसी कम से कम 80--90 गांवो के टच मे पडता है लेकिन फिर भी यहा पर सारी सुविधाऐ नाम मात्र की सी ही है।
आमजन ने स्थानीय विधायक जौहरीलाल मीना से भी अनेको बार इस सम्बन्ध मे खूब निवेदन कर लिया है लेकिन अब तक भी कोई भी व्यवस्था नही हो सकी है इस अस्पताल के लिए।
- महेश चन्द मीना/ रितिक शर्मा