फर्जी मरीज लेकर दौड़ रही सरकारी एम्बुलेंस, जांच शुरू
गोरखपुर (उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल) स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़े की शिकायत शासन तक पहुंची है। शासन को सूचना दी गई है कि एम्बुलेंस सेवा 102 व 108 के जरिये कागजों में ही मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। इसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। इसके जरिए सरकार को चूना लगाया जा रहा है। इस फर्जीवाड़े के खेल में एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस भी शामिल है। शिकायत के बाद शासन स्तर से एडी हेल्थ को जांच का आदेश दिया गया है।
एडी हेल्थ को मंडल के चारों जिलों में जांच का आदेश दिया गया है। इस जांच में हर जिले में पिछले तीन महीने में एम्बुलेंस संचालन करने वाली कंपनी द्वारा दी गई सूचनाओं का सत्यापन किया जाएगा। यह सत्यापन विशेष टीम के द्वारा होगा। सत्यापन में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सात दिन में इसकी रिपोर्ट तलब की गई है। मंडल के चार जिलों में स्वास्थ्य विभाग में 102, 108 व एएलएस की 317 एम्बुलेंस संचालित हैं। इसमें 102 नंबर सेवा की 157, 108 नंबर की 144 और एएलएस की 16 एम्बुलेंस शामिल है।
ये एम्बुलेंस बच्चों,महिलाओं, दुर्घटना में घायलों,वृद्धों को अस्पताल पहुंचाती हैं। गर्भवतियों,बच्चों, इंसेफेलाइटिस मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 नंबर सेवा संचालित की जाती है। सबसे ज्यादा एम्बुलेंस का बेड़ा इसी सेवा में है। सड़क दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 नंबर की सेवा संचालित है। एडवांस लाइफ सपोर्ट के एंबुलेंस में वेंटिलेटर लगा होता है। यह उन मरीजों को दी जाती है जिन्हें मौके पर ही लाइफ सपोर्ट की जरूरत पड़ती है।
पहले भी पकड़ी जा चुकी है धांधली: - एम्बुलेंस सेवा में धांधली का यह पहला मामला नहीं है। पांच साल पहले भी शासन ने इसकी जांच कराई थी। मंडल के महराजगंज जिले में व्यापक गड़बड़ी मिली थी। उस समय सरकार ने सख्त रुख अपनाया था।
डॉ. रमेश गोयल (एडी हेल्थ) का कहना है कि: - शासन स्तर से जांच के आदेश का पत्र मिला है। इसके लिए स्पेशल टीम का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजी जाएगी।