ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार का मामला हुआ उजागर: अधिकारी मामले को दबाने में जुटे
रामगढ (अलवर, राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) अधिकारियों की सांठगाठ और भ्रष्टाचार के चलते ग्राम पंचायत चीड़वा में पूर्व पंचायत के शासनकाल में बिना हैण्डपम्प लगवाए भुगतान उठा लिए गया।
गौरतलब है कि वर्तमान सरपंच जुबेर खान हैं और पूर्व पंचायत के शासनकाल में जुबेर के चाचा की पत्नी वकीला सरपंच थी। दोनों ही शासनकाल में पंचायत के कार्य कराने एवं सभी तरह के विकास कार्य कराने के कर्ताधर्ता वर्तमान सरपंच के पिता हैं।
इसकी ग्रामीणों द्वारा बार बार लिखित शिकायतें देने और एमपीएस सुनील गढई द्वारा साधारण सभा में आवाज उठाने के बाद एक वर्ष पूर्व विकास अधिकारी द्वारा बनाई जांच कमेटी। जिसे बिना जांच विकास अधिकारी द्वारा भंग कर दिया गया। इस मामले को पंचायत समिति सदस्य सुनील गढ़ई द्वारा साधारण सभा में पुरजोर तरीके से उठाया गया और मामला मीडिया में छा जाने के बाद विकास अधिकारी द्वारा एक माह पूर्व आनन फानन में फिर से कमेटी बना दी गई। लेकिन जांच कमेटी ने आज तक कोई जांच ही नहीं की। दूसरी तरफ चीड़वा ग्राम पंचायत के खैरथला गांव के श्मशान भूमि पर पूर्व ग्राम पंचायत सरपंच की और से ठेकेदार द्वारा श्मशान घाट पर हैण्डपम्प लगाऐ जाने का जैसे ही ग्रामीणों को मालूम चला ग्रामीणों और एमपीएस सुनील द्वारा एसडीएम को लिखित शिकायत दी।
एसडीएम अमित कुमार वर्मा द्वारा तुरंत विकास अधिकारी रामदयाल वर्मा को फोन कर जांच करने और एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दिए। एमपीएस सुनील की लिखित शिकायत और एसडीएम द्वारा दूरभाष पर दीए गए आदेश के बाद विकास अधिकारी रामदयाल वर्मा मौके पर तो पंहुचे लेकिन वंहा भी यह कह कर पल्ला झाडने लगे की मुझे जानकारी नहीं है की यह हैण्डपम्प वर्तमान पंचायत की तरफ से लग रहा है या पूर्व सरपंच लगवा रहा है।
जब उनसे पूछा कि आप जांच करने आए हैं और आपको ही नहीं मालूम की इसे कौन लगवा रहा है और इसका भुगतान उठा लिया है या नहीं तो आप क्या जांच करने आए हैं। तब विकास अधिकारी ने कहा कि मैं तो एमपीएस की लिखित शिकायत और एसडीएम के कहने पर आया हूं। लेकिन मीडिया को स्पष्ट नहीं बता सके और पल्ला झाडते रहे।
ग्रामीणों के अनुसार गाँव में केवल एक ही श्मशान घाट है । एमपीएस सुनील ने बताया कि यंहा बिना हैण्डपम्प लगवाए ही पूर्ण पंचायत के शासनकाल में भुगतान उठाया जा चुका है। इधर सरपंच के पिता अहमद खान विकास अधिकारी और मीडिया को बर्गलाते हुए कह रहे थे कि इस गांव में दो श्मशान घाट हैं यह नया स्वीकृत हैण्डपम्प लगवाया जा रहा है।
एक तरफ प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत भ्रष्ट अधिकारियों को कडी़ से कडी़ सजा दिलाने और भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने की बात कहते हैं वंही दूसरी तरफ भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी अधिकारी कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं।
अब देखना यह कि भ्रष्टाचार करने वाले और उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही होती है या नहीं। दूसरा इस तरह के कारनामे उजागर होने के बाद प्रदेश कैसे भ्रष्टाचार मुक्त होगा।