हज के लिए पैदल निकले शिहाब का किया सम्मान
नागौर (मकराना, नागौर/ मोहम्मद शहजाद) एक जमाना हुआ करता था कि लोग पहले मीलों की यात्रा पैदल तय किया करते थे लेकिन आज के समय में ये संभव नहीं है। हर मुसलमान की ख्वाहिश होती है कि वो एक बार हज पर जरूर जाए। हज पर जाने के लिए लोग पहले से कई तरह के इंतजाम भी करते हैं औऱ हवाई यात्रा या पानी के जहाज से हज कुछ दिनों में पूरा करके वापस अपने घर आ जाते हैं। यहां हम उस शख्स की बात करने जा रहे हैं जिसने इस यात्रा को पैदल पूरा करने की ठानी और निकल पड़ा अपने सफर पर। ये शख्स केरल का रहने वाला है और इसका नाम है शिहाब चित्तूर। कहावत है कि जब इरादे चट्टान से मजबूत हों तो कोई मंजिल दूर नहीं होती। हर मंजिल आसान होने लगती है। ऐसा ही एक नेक और मजबूत इरादा लेकर शिहाब केरल से मक्का के लिए निकले हैं। शिहाब चाहते हैं कि वो पैदल यात्रा करके साल 2023 से पहले मक्का पहुंच जाएं। शिहाब का कहना है कि उनकी इस यात्रा को लेकर उन्हें कई बार एंबेसी के चक्कर लगाने पड़े क्योंकि वो कई देशो को पार करते हुए मक्का पहुंचेंगे।
शिहाब चित्तूर केरल से तो निकल गए लेकिन वो भारत में कई राज्यों से होते हुए पाकिस्तान, ईराक, ईरान, कुवैत के बाद वो सउदी अरब के पवित्र शहर मक्का में पहुंचेगे। इसकी तैयारी करने में शिहाब को 6 महीने से ज्यादा का समय लगा। इस यात्रा के लिए उन्होंने केरल से दिल्ली के कई चक्कर लगाए हैं। पैदल हज यात्रा पर बात करते हुए शिहाब ने कहा है कि उनकी बचपन से ख्वाहिश थी कि वो पैदल हज पर जाएं। राजस्थान के नागौर जिले में शिहाब के प्रवेश करते ही नागौर की जनता ने जगह जगह उनका स्वागत करते हुए सम्मान किया। बागोट निवासी सत्तार भाई लोहार के साथ सुबान भाई, मुस्ताक भाई, सत्तार भाई रंगरेज, जलालुद्दीन सहित अन्य जनों ने कई दिनों तक शिहाब के साथ पैदल चलकर यात्रा की और उनके उजव्वल भविष्य की कामना के साथ सफर में आसानी की दुआ की। चार दिनों तक परबतसर से लाडनूं के बीच की यात्रा के दौरान सत्तार भाई बागोट की टीम ने शिहाब चित्तूर से मिलकर साफा पहनाकर उनकी हौसला अफजाई करते हुए सम्मान किया।