महाराज जितेन्द्र सूरीष्वरजी का जन्म शताब्दी महोत्सव हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न
अंता (शफीक मंसूरी)
बारां श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ बारां द्वारा महान तपस्वी परम पूज्य आचार्य देव श्रीमद् विजय जितेन्द सूरीष्वर जी महाराजा के मनाए जा रहे तीन दिवसीय जन्म शताब्दी महोत्सव का हर्षोल्लास के साथ आज समापन हुआ।
श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के गौत्तम मारू, नवयुवक मंत्री राहुल मारू ने बताया कि महाराज जितेन्द्र सूरीष्वर जी महाराज का तीन दिवसीय जन्म शताब्दी महोत्सव सकल श्रीसंघ द्वारा धूमधाम के साथ मनाया जा रहा था जिसका आज समापन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य लाभार्थी राज्य के खान एव गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं पारख कोठारी परिवारजन रहे।
राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं जिला प्रमुुख भाया एवं पारख कोठारी परिवार द्वारा महाराज श्री के जन्म शताब्दी महोत्सव के अवसर पर अपनी तरफ से गौषालाओं में अनुदान दिया तथा जैन धर्म की दीक्षा ग्रहण करने वाले 7 दीक्षार्थियों का बहुमान किया गया। बारां में आयोजित कार्यक्रम में महाराज श्री के सांसारिक परिवारजनों के पधारने पर उनका भी स्वागत सम्मान किया गया।
चन्द्रप्रभू महिला मण्डल अध्यक्ष एवं जिला प्रमुख श्रीमती उर्मिला जैन भाया ने बताया कि परम उपकारी गुरूदेव, धर्म की राह एवं संस्कार प्रदान करने वाले पूज्यपाद मेवाड देषोद्वारक 400 तेले के महान तपस्वी परम पूज्य आचार्य देव श्रीमद् विजय जितेन्द सूरीष्वर जी महाराजा का जन्म शताब्दी वर्ष चल रहा है। बारां शहर में श्वेताम्बर, दिगम्बर समाज ने मिलकर महाराज साहब का तीन दिवसीय जन्म शताब्दी महोत्सव हर्षोल्लास एवं भक्तिमय तरीके से मनाया गया। आज प्रातः जन्म शताब्दी निमित्त अदभूत नाटिका शेठ मोतिषा का रंगत प्रोडक्षन मुम्बई के द्वारा मंचन किया गया तथा रात्रि को संध्या भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि आज जन्म शताब्दी महोत्सव के अवसर पर गुरू जितेन्द्रजी प्रतिकृति युक्त भव्य रथयात्रा वरघोडा श्री चन्द्रप्रभू स्वामी जैन मंदिर से शहर के चैमुखा बाजार, श्रीजी चैक, सब्जीमण्डी, इन्द्रा मार्केट, प्रताप चैक, धर्मादा चैराहा, सर्राफा बाजार से सरावगियों के नोहरे तक शताब्दी निकाला गया। वरघोडा में आचार्य भंगवत, साध्वी माताजी सहित सकल जैन श्रीसंघ सम्मिलित हुआ। जुलूस में नासिक का ढोल, शहनाई वादक, 5 घोडो पर सवार घुडसवार, दरबार बैण्ड, आचार्य भगवंतगण, पुरूष श्रीसंघ, महिलाओ का दिव्य पाष्र्व घोष बैण्ड, सहित महिलाओं का एक रंग के परिधान में पहन कर चलना आकर्षण का केन्द्र रहा।