जनसेवक श्रीकांत सैदावत ने जनहित के लिए अपने विचार किए प्रकट
अलवर (राजस्थान/ रितीक शर्मा गोलाकाबास) निर्धन व असहाय जीव की सेवा का अवसर एक सौभाग्यशाली प्राणी को ही मिलता है ओर जिस प्राणी ने सेवा मार्ग को अपनाने की मन में सोच बनाली है वह व्यस्त होने पर भी समय निकाल लेता है ऐसी विचारधारा के सेवाभावी अलवर जिले के रैनी तहसील के जनसेवक श्रीकांत सैदावत जिला पार्षद प्रतिनिधि ने जन हित के लिए अपने विचारों को को व्यक्त करते हुए बताया कि सम्मानीय जनता जनार्दन से अपील है वर्ष 2023 का चुनावी माहौल आ गया है, चस्का लगे वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधि, समाज हो या मानव समाज हो, बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं समाज एकता की दुहाई दे रहे हैं, हर समाज के दुख दर्द में घड़ियाली आंसू बहाने जा रहे हैं, साथियों राजनीति में रहे राजनीतिक चाणक्य, बुद्धिजीवी की बुद्धि को भी भ्रमित कर मसीहा बनकर गरीब मतदाता के शक्तिशाली मत को प्राप्त कर स्वयं शक्तिशाली बन जाते हैं जबकि इनका भाग्य विधाता (मतदाता) के पास सिवाय ठगा महसूस करने एवं पश्चाताप के अलावा कुछ नहीं बचता है, वह मसीहा बना व्यक्ति वीआईपी बन कर उसी मतदाता से बात करने में, उसके घर जाने में अपनी तौहीन समझने लग जाता है, यह वास्तविकता है, वाह रे भगवान कैसी विडंबना है मसीहा बनाने वाला व्यक्ति फिर ऑफिसों के चक्कर काट रहा है सही काम में भी लुट रहा है,हाथ जोड़ रहा है, साथियों चुनावी वर्ष आते ही जिस प्रकार बरसात होते ही मखमली लाल रंग की राम जी की डोकरी के नाम से जानी जाने वाले कीड़े की तरह अनेक उम्मीदवारी करने वाले व्यक्ति समाज की सेवा करने का वादा लेकर चुनावी मैदान में आ जाते हैं एवं अपनी चतुराई से वोट लेकर धरातल के व्यक्ति को अपने हाल पर छोड़ देते हैं, जैसा अब तक सब देख रहे हैं एवं स्वयं अपने परिवार के लिए क्या करते हैं आप स्वयं जानते हैं और नहीं जानते हैं माफ करना उनको तो जनाना भी व्यर्थ है, यही कहा जाएगा कि उसको राजभोगना है और हमको तो नरेगा में नाम के लिए भी तरसना है साथियों अभी हाल में थानागाजी में विप्र कुंभ हुआ बहुत अच्छी बात है समाज सुधार होने चाहिए लेकिन कूटनीतिक व्यक्ति विभिन्न बहानों से अपने ही परिवार के सदस्य हो स्वयं हो, अपनी ही बापोती समझ कर दूसरे नए व्यक्ति को, कार्य का जज्बा रखने वाले व्यक्ति को मौका देना नहीं चाहते हैं चाहे वह नए व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी समाज को समर्पित हो या अन्य समाज को समर्पित हो, उस चस्का लगे व्यक्ति को दूसरा अन्य व्यक्ति फूटी आंखों में भी नही सुहाता है एवं वह तो स्वयं या परिवार के सदस्य को ही लांच करना चाहता है, इसलिए मेरी सम्मानीय, निष्कपट मतदाताओं से अपील है कि आने वाले चुनाव में ऐसे व्यक्ति को चुने जो बिना कोई पद पर होते हुए भी भोली एवं धरातल से जुड़ी जनता के साथ अपने जीवन की भी परवाह नहीं कर उनको विभिन्न परेशानियों से बचा कर दावों मुकदमों से बचाकर जनहानि होने से बचा कर राहत देने में मदद कर दिखाई हो, अतः अपील है उस व्यक्ति को चुने जो चुनाव के बाद भी वही हो जो चुनाव से पूर्व में था, स्वयं को समर्पित ना होकर जनता को समर्पित हो यदि इस प्रकार के व्यक्तियों को आपका सेवक बनने का मौका देंगे तो ना तो जनसुनवाई की आवश्यकता होगी, ना ही भ्रष्टाचार होगा, ना ही अभियानों की आवश्यकता होगी। साथियों भ्रष्टाचार ऊपर से समाप्त होता है नीचे से नहीं। यह सत्य है यदि मैंने भावावेश में दुखी होकर मेरी मन की वेदना से अल्प बुद्धि से कुछ गलत लिखा हो तो माफी चाहता हूं मुझे क्षमा कर दें। बस हर दृष्टिकोण पर सोच समझकर अपना वास्तविक जनसेवक पैदा करें।