मशरूम उत्पादन पर तकनीकी कार्यशाला का हुआ आयोजन
नौगावा (रामगढ़,अलवर, राजस्थान/ विपिन मेंदीरत्ता) नौगावा तहसील में स्थित कृषि महाविद्यालय पर गुरुवार को महाविद्यालय के छात्रो हेतु राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना घटक 2के अंतर्गत स्थापित कैरिअर विकास केंद्र के तहत मशरूम उत्पादन तकनीकी पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा सुमन खंडेलवाल ने बताया की करियर विकास केंद्र का मुख्य उदेश्य छात्रो को ऐसा वातावरण उपलब्ध करवाना है, जिसके माध्यम से छात्र अपने आप को एक उद्ममी के रुप मे स्थापित करने हेतु आवश्यक कौशल एवं दक्षता को विकसित कर सके |
महाविद्यालय के सह प्राध्यापक डा सुरेश लोहरा ने छात्रो को मशरूम उत्पादन तकनिकी पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया की मशरूम की खेती की सबसे अच्छी बात है की इसकी अलग अलग किस्मो की खेती वर्ष भर कर सकते हैं। और इससे वर्ष भर कमाई होती रहती है। और यह बेहतर आमदनी का जरिया बन सकती है। उन्होंने बताया की उत्तरी भारत में सफेद बटन मशरूम की मौसमी खेती करने के लिये अक्तूबर से मार्च तक का समय उपयुक्त माना जाता है।इस दोरान मशरूम की दो फसले ली जा सकती है। बटन मशरूम की खेती के लिए अनुकूल तापमान 15-22 डिग्री सेल्सियस एवं अपेक्षित आद्रता 80-90 प्रतिशत होनी चाहिए इसके पश्चात् महाविद्यालय के छात्रो ने कृषि अनुसन्धान केंद्र पर स्थापित मशरूम प्रदर्शन इकाई का भ्रमण कर मशरूम उत्पादन तकनिकी का प्रायोगिक प्रशिक्षण अर्जित किया। कार्यक्रम का सञ्चालन कैरिअर विकास केंद्र प्रभारी श्री रामु मीणा ने किया