मंदिर माफी की जमीन के मामले में तहसीलदार निलंबित:राजस्व रिकॉर्ड में गंभीर हेराफेरी के आरोप
जयपुर,राजस्थान
मंदिर माफी की जमीन के मामले में राजस्व रिकॉर्ड में गंभीर हेरा फेरी के मामले में आमेर तहसीलदार डॉ.विजयपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया उपनिबंधक राजस्व मंडल अजमेर ने निलंबन आदेश जारी किए जिसमे राजस्व रिकॉर्ड में गंभीर हेराफेरी की शिकायत दर्ज हुई थी मामला टाटियावास टोल प्लाजा के पास लगभग 100 करोड़ की मंदिर माफी की जमीन का मामला था। मंदिर माफी की जमीनों पर पंचायत से लेकर विधानसभा तक वाद-विवाद हो रहे है
यह है पूरा मामला :-
टाटियावास के खसरा नं. 124, 125, 126, 127, 128, 129, 130, 132 व 136 की 16 बीघा 7 बिस्वा जमीन है। भू-राजस्व रिकॉर्ड संवत 2010 से 2013 तक मिसल बंदोबस्त में माफी मंदिर श्रीगोपालजी नाम दर्ज था। तहसीलदार ने 2018 में मंदिर माफी का रेफरेंस बना कर एडीएम (चतुर्थ) कोर्ट में किया।
तत्कालीन एडीएम (चतुर्थ) अशोक कुमार ने 11 फरवरी 2021 को तहसीलदार का पूर्व रेफरेंस खारिज करते हुए रिमांड किया और आदेश दिया कि राजस्व विभाग के आदेशों, रेवेन्यू बोर्ड के निर्देशों व निर्णयों और हाईकोर्ट की वृहद पीठ न्यायिक निर्णय की पालना में प्रकरण यदि विचारण योग्य हो तो तहसीलदार अप्रार्थीगणों को पुन सुनकर तीन महीने की अवधि में विधि अनुरूप दुबारा इस न्यायालय में पेश करे। वर्तमान तहसीलदार विजयपाल की पोस्टिंग के बाद 3 नवंबर को माफी मंदिर का नोट हटाने और नामांतरण खोलने के दो आवेदन हुए और 7 नवंबर को तहसील के दो अलग-अलग आदेश जारी हुए।
एक में मंदिर नोट हटाने और दूसरा विक्रय पत्र का अस्थायी नोट लगाने के लिए, जबकि अस्थायी नोट लगाने का प्रावधान नहीं है। उसी दिन फाइल पटवारी के पास चली गई और रिपोर्ट होकर 30 किमी दूर तहसील में भी आ गई। सिविल कोर्ट का स्थगन होने के बावजूद नामांतरण अंकित कर दिया।