जनता सेना की मुहिम लाईं रंग - प्रशासन झुका, प्रभारी को हटाया और सर्जन को लगाने के आदेश किये जारी
उदयपुर।(राजस्थान/मुकेश मेनारिया)
जिले के सबसे बड़े उपखण्ड मुख्यालय भीण्डर के स्व. गुलाबसिंह शक्तावत राजकीय सामान्य चिकित्सालय की अनियमिताओं को लेकर जनता सेना द्वारा चलाई गई मुहिम सफल साबित हुई। जनता सेना द्वारा 27 मार्च को भीण्डर हॉस्पिटल घेराव व चक्काजाम की चेतावनी के बाद प्रशासन ने आन्दोलन को रोकने के लिए दोनों मांगें मानते हुए आदेश जारी कर दिये। जिसके बाद जनता सेना संरक्षक व पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर ने हॉस्पिटल का घेराव व चक्काजाम को स्थगित करने की घोषणा की।
- 16 मार्च को दिया था ज्ञापन, आज होना था चक्काजाम
जनता सेना राजस्थान द्वारा 16 मार्च को उदयपुर जिला कलक्टर ताराचंद मीणा व सीएमएचओ डॉ. शंकर बामनिया को ज्ञापन दिया था। जिसमें भीण्डर हॉस्पिटल की समस्याओं को लेकर बताया गया और मांग की गई थी भीण्डर हॉस्पिटल प्रभारी डॉ. मुकेश काबरा को तुरन्त हटाया जाएं और भीण्डर हॉस्पिटल से हटाएं गये सर्जन डॉ. संदीप सिंह चौहान को पुनः लगाया जाएं। ऐसा नहीं होने पर आन्दोलन किया जायेगा। इस पर जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने 22 मार्च को जिला परिषद सीओ मयंक मनीष को भीण्डर हॉस्पिटल का निरीक्षण करने और मामले की जांच के लिए भेजा था। जिसके बाद भी तीन दिन गुजर जाने पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर 25 मार्च को जनता सेना ने घोषणा की कि 27 मार्च को भीण्डर हॉस्पिटल का घेराव एवं चक्काजाम करेंगे।
- चक्काजाम की चेतावनी के बाद हरकत में आया प्रशासन
जनता सेना संरक्षक व पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर द्वारा 27 मार्च को भीण्डर हॉस्पिटल घेराव व चक्काजाम की चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में आया। इसके बाद प्रशासन के आला अधिकारियों ने मामले की वस्तु स्थिति देखते हुए और जनता की समस्याओं को हल करने की उचित मांग मानते हुए उदयपुर सीएमएचओ कार्यालय से आदेश जारी किया गया। जिसमें भीण्डर हॉस्पिटल के प्रभारी का दायित्व भीण्डर बीसीएमओ डॉ. संकेत जैन को देने का आदेश दिया गया। वहीं सीएमएचओ मुख्यालय पर उपस्थिति दे रहे सर्जन डॉ. संदीपसिंह चौहान को उदयपुर एमबी हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद भीण्डर हॉस्पिटल में नियुक्ति करने आदेश जारी कर दिये।
दोनों मांगें मानने पर आन्दोलन किया स्थगित
जनता सेना संरक्षक व पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर ने कहा कि काफी वर्षों बाद भीण्डर हॉस्पिटल में आएं सर्जन डॉ. संदीपसिंह चौहान आम लोगों का बेहतर इलाज कर रहे थे। लेकिन उसको राजनीति का शिकार बनाकर यहां हटा दिया था। इसके अलावा हॉस्पिटल प्रभारी डॉ. मुकेश काबरा ने ना तो भीण्डर हॉस्पिटल का ध्यान रखा और ना ही मरीजों का ध्यान रखा। बल्कि भीण्डर हॉस्पिटल में अव्यवस्थाओं को बढ़ाने का काम किया। इसलिए हमारी यहीं मांग थी कि प्रभारी डॉ. मुकेश काबरा को हटाया जाएं और सर्जन डॉ. संदीपसिंह चौहान को तुरन्त यहां लगाया जाएं। इस पर सीएमएचओ कार्यालय से आदेश जारी हो गये है। हमें विश्वास हैं कि इससे भीण्डर हॉस्पिटल में व्यवस्थाओं में सुधार होगा और मरीजों को इलाज मिलेगा। इसलिए हमने 27 मार्च को भीण्डर हॉस्पिटल का घेराव व चक्काजाम स्थगित कर दिया ।
- क्या था मामला
भीण्डर के आसपास के करीब 30-35 लोग 24 फरवरी को पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर के पास आएं थे। उन्होंने बताया कि भीण्डर हॉस्पिटल में लगे हुए सर्जन डॉ. संदीपसिंह चौहान ऑपरेशन नहीं कर रहे है। इसके बारे में सर्जन से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि सर्जिकल आइटम उपलब्ध नहीं है। इस पर भीण्डर ने उदयपुर सीएमएचओ डॉ. शंकर बामनिया को फोन करके इस समस्या के बारे में बताया। जिस पर सोमवार को आकर व्यवस्था ठीक करने की बात कहीं। लेकिन डॉ. बामनिया भीण्डर नहीं आकर भीण्डर के चिकित्सा प्रभारी डॉ. मुकेश काबरा को व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिये। डॉ. काबरा ने व्यवस्था ठीक करने के बजाएं 4 मार्च को सर्जन डॉ. संदीप सिंह चौहान को ही भीण्डर से रिलीव कर दिया। अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में लाइट की जगह स्ट्रीट लाइट लगा रखी हैं उसके बारे में अखबार में न्यूज आने पर डॉ. काबरा ने पत्रकार को ही नोटिस दे दिया। इस पर जनता सेना ने 16 मार्च को ज्ञापन देकर प्रशासन को बताया कि भीण्डर हॉस्पीटल के वातावरण को पूरी तरह से राजनैतिक रंग देने का काम डॉ. काबरा ने किया है। डॉ. संदीप अपनी कार्यशैली के कारण लोगों में काफी लोकप्रिय हो गये थे जो कई बार गरीब मरीजों को खुद पैसे देकर भी सामान मंगवाकर ऑपरेशन करते थे। इस तरह से अचानक उनको हटाने से जनता में भारी आक्रोश है। इसलिए मांग है कि पद पर रहते हुए जनता को रिलीफ देने के बजाय अच्छे डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करके व पत्रकार को धमकी भरा पत्र लिखकर इंचार्ज डॉ. काबरा ने हद ही पार कर दी है जबकि स्थानान्तरण करने का अधिकार उनके पास नहीं है। वो वहां बैठकर केवल राजनीति कर रहे है। उन्हें तुरन्त अन्यत्र कहीं लगाने का आदेश करावें व डा. संदीप को पुनः भीण्डर लगवायें। सप्ताह भर में उपरोक्त दोनों आदेश नहीं होने पर आन्दोलन घेराव आदि किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस पर 22 मार्च को सीओ मंयक मनीष के नेतृत्व में टीम ने भीण्डर हॉस्पिटल का निरीक्षण भी किया और जांच रिपोर्ट भी जिला कलक्टर को सौंपी। लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर जनता सेना ने 25 मार्च को बैठक करके 27 मार्च को भीण्डर हॉस्पिटल घेराव व चक्काजाम की चेतावनी दी थी।