राज्य की भर्ती जिला स्तर हो व गृह जिले के अभ्यार्थियो का आवेदन ही मान्य हो व एसटी वर्ग में क्रिमीलेयर लागू करने की मांग
पाली / बरकत खान :- अखिल भारतीय मीणा छात्र महासभा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर पाली को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने भारत के संविधान में शोषित वर्ग के उत्थान व सरकारी नौकरियों में भागिदारी बढ़ाने के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 7.5% आरक्षण की व्यवस्था की हैं। क्या ? आज वर्तमान में आजादी को 74 साल हो गया। क्या ? जिस उद्देश्य को लेकर आरक्षण की व्यवस्था की गई थी उस उद्देश्य कि ओर पहुंच रहे हैं?
बताया कि जोधपुर व उदयपुर संभाग में बहुत ही बड़ी संख्या में मीना, भील, गरासिया समुदाय के लोग निवास कर रहे हैं। उन्हें संविधान प्रदत्त आरक्षण होने के बाद भी उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा हैं। जोधपुर संभाग को देखा जाए तो आज गिने-चुने जनजाति समुदाय के सरकारी कर्मचारी मिलेंगे। जोधपुर व उदयपुर संभाग के आदिवासी समुदाय के लोगों कि स्थति बहुत ही दयनीय है।
मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि पुर्वी राजस्थान के आदिवासियों की तरह जोधपुर व उदयपुर संभाग सहित अन्य राज्य के शोषित व गरिब आदिवासियों की सरकारी नौकरियों में भागीदारी दिलवाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। ताकि पिछले 74 सालों से आरक्षण होने के बावजूद भी वंचित रहें आदिवासी समुदाय को उन्हें उनका हक मिल सकें।
मुख्यमंत्री के समक्ष मांग
1.राजस्थान सरकार की सभी सरकारी भर्तियां जिला स्तर पर करवाई जाए जिसमें ग्रह जिले का अभ्यर्थी अपने ग्रह जिले में आवेदन कर सकता हैं। अगर कोई अभ्यर्थी अपने ग्रह जिले से अन्य जिले में आवेदन करता है तो उसका आवेदन रद्द माना जाए।
2. केंद्र सरकार की योजना टाडा माटा (TSP) जैसी योजनाओं से विशेष जालौर, पाली जिले के आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत को जोडा जाए। जिससे के यहां के पिछड़े आदिवासी समुदाय के लोगों का उत्थान हो सकें।
3. जनजाति वर्ग में क्रिमीलेयर कि व्यवस्था लागू की जाए। क्रिमीलेयर व्यवस्था के तहत ऐसा कानून बनाया जाए कि जनजाति वर्ग के अभ्यर्थी जिनकी पारिवारिक आमदनी 8 लाख से अधिक है वे ही आरक्षण के हकदार नहीं होने चाहिए।
जोधपुर संभाग सचिव हिम्मत मीणा, पाली जिला सचिव गणेश मीना, जोधपुर संभाग महासचिव कांतिलाल मीणा आदि समाज के लोग मौजूद रहे।