त्याग एवं बलिदान सिखाता है कर्बला का मंजर: ईमाम हुसैन की शहादत को किया याद
मकराना (नागौर, राजस्थान) ईमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए दो दिवसीय जलसा सुन्नी नौजवान कमेटी की जानिब से इमाम चौक में आयोजित किया गया। इस दौरान पटना से आए मुख्य वक्ता पीरे तरीकत आले नबी औलादे अली मौलाना डाक्टर सय्यद शाह शमीमुद्दीन अहमद मुनामी सज्जादा नशीन खानकाहे मनामिया ने इमाम हुसैन की शहादत पर बयान करते हुए कर्बला के मंजर को सामने रखा। उन्होंने कहा त्याग एवं बलिदान सिखाता है कर्बला का मंजर। इमाम हुसैन ने दीन की खातिर शहादत पाई।
दीन आतंक के विरुद्ध आया है, आतंक का दूसरा नाम यजीद है। अमन चाहने वाले का नाम हुसैन है। सच्चा हुसैनी आतंक के विरुद्ध लड़ने वाला, आतंक को खत्म करने वाला, अमन के लिए जान देने वाले सच्चे हुसैनी है। ईमाम हुसैन कर्बला के मैदान में पहले पहुंचे थे और नहर पर हुसैन का कब्जा था लेकिन यजीदी लश्कर को प्यासा देखकर हुसैन ने उन्हें पानी भरकर दिया और बाद में उन्ही यजीदियों ने हुसैन पर पानी बंद कर दिया। मौलाना ने कर्बला के मंजर को बयान करते हुए कहा इमाम हुसैन ने जंग के दौरान नमाज कजा़ नही होने दी इससे हमे पैगाम मिलता है की अफजल इबादत नमाज है। पाबंदी के साथ नमाज अदा करें। इस दौरान मकामी नात ख्वां हाफिज बुरहान ने नात व मनकबत पेश की।