विरासत में मिलते हैं संस्कार इन्हें सहेजने की जरूरत : शकुंतला रावत
जयपुर (राजस्थान) राज्य सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से रविवार को वैशाख माह की एकादशी पर उदयपुर शहर में आयोजित देवस्थान पदयात्रा में देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने शिरकत की और यात्रा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को गोद में लेकर नंगे पैर पदयात्रा कर इस आयोजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने इस अवसर पर उदयपुरवासियों से आह्वान किया कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में विशिष्ट व पूजनीय है और हमें ये संस्कार विरासत में मिलते हैं जिन्हें सहेजने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राजधानी जयपुर में पहले आयोजन के बाद उदयपुर का यह आयोजन नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति हमारी धरोहर, हमारी कला और परंपराओं की पहचान और उनके प्रति जागरूकता के लिए किया गया। देवस्थान मंत्री श्रीमती रावत ने सिटी पैलेस समीप स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर में दर्शन कर पदयात्रा का शुभारंभ किया। भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की गोद में लेकर नंगे पैर पदयात्रा करते मंत्री और अन्य विशिष्टजनों को देखने के लिए गलियों में शहरवासी उमड़ पड़े और उन्होंने पुष्पवर्षा कर इस यात्रा का स्वागत किया। इस पदयात्रा के दौरान शहर के जगदीश चौक पर्यटन क्षेत्र में देश-विदेश से आए पर्यटक भी इस पदयात्रा में झूमते दिखाई दिए। शहर के प्रमुख पर्यटन क्षेत्र सिटी पैलेस से गणगौर घाट के बीच का क्षेत्र रविवार की अल सुबह से भक्तिरस में दुबा दिखाई दिया। इस्कॉन एवं हरे कृष्णा के प्रतिनिधियों ने सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से ढोलक एवं मंजीरों के साथ अन्य वाद्य यंत्रों की ताल पर हरे कृष्णा हरे रामा का राग छेड़ा। वहीं गणगौर घाट पर लोक कलाकारों की भजन प्रस्तुतियों पर श्रद्धालु पदयात्री खुद को रोक नहीं पाए।