राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद शिक्षा विभाग कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा वीडियो कांफ्रेंस का किया गया आयोजन
भीलवाड़ा (राजस्थान/ राजकुमार गोयल) 21वीं सदी बड़े ही तेज़ी से तब्दील हो रही है। ये हमारी विडम्बना ही होगी कि हम परिवर्तन के अनुसार अपनी शिक्षा प्रणाली को सकारात्मक रूप से परिवर्तित न करें। मिशन बुनियाद कार्यक्रम एक ऐसा ही कार्यक्रम है जहां राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद एवं शिक्षा विभाग व कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन (पीरामल फाउंडेशन) के मध्य हुए MOU के तहत राजस्थान के सभी 33 जिलों में चयनित आईसीटी लैब्स को व्यक्तिगत अनुकूल शिक्षा (PAL) सॉफ्टवेयर के माध्यम से सक्रिय कर विद्यालय शिक्षा को डिजिटली किया जा रहा है। संबंधित कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा व्यक्तिगत अनुकली शिक्षा प्रणाली सॉफ्टवेयर पर आधारित कार्यक्रम है। इसी क्रम में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर मिशन बुनियाद कार्यक्रम द्वारा राज्य के 20 लाख विद्यार्थियों को डिजिटल माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु माननीय शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला व माननीय राज्य शिक्षा मंत्री ज़ाहिदा खान द्वारा शिक्षा संकुल में स्थित वीसी कक्ष से राज्यव्यापी विस्तार का शुभारंभ किया गया। उदघाटन समारोह में राजस्थान के समस्त 33 जिलों के जिला व ब्लॉक स्तरीय शिक्षा अधिकारी जुड़े, जिसमें भीलवाड़ा जिले से मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी योगेश चंद पारीक , जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक बंशी लाल , सहायक परियोजना समन्वयक दिनेश , कार्यक्रम अधिकारी व एनजीओ प्रभारी राजेश , कार्यकम अधिकारी व आईसीटी इंचार्ज सुरेश , कार्यक्रम अधिकारी रजब अली जी एवं प्रतिनिधि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मांडल राजेश कुमार व पीरामल फाउंडेशन से गाँधी फेलो- दीपक शर्मा और रमनजीत कलेक्ट्रेट कार्यालय के DoIT वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से जुड़े तथा समस्त ब्लॉक स्तरीय शिक्षा अधिकारियों ने पंचायत स्तरीय DoIT वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के सभी 33 जिलों में 20 लाख विद्यार्थियों के लिए आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त करना कक्षा 8 से 12 तक की बालिकाओं के विद्यालय से जुड़ाव को बढ़ाते हुए ड्रॉपआउट को कम करने के साथ उनके सीखने के प्रतिफल को बढ़ाना है।
बता दे कि इस कार्यक्रम की शुरूआत दिसम्बर, 2020 में शुरुआती प्रोजेक्ट के रूप में 6 जिलों उदयपुर, सिरोही, भीलवाड़ा, सीकर, धौलपुर और करौली में की गई थी। इन जिलों से कक्षा 8 से 12 तक के 24,360 विद्यार्थी प्रोजेक्ट में शामिल हुए और उनके सीखने की क्षमता में औसतन 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई । जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी योगेश चंद पारीक ने बताया कि पायलट चरण 2021-22 के दौरान कार्यक्रम के तहत भीलवाड़ा ज़िले के 12 विद्यालयों में 810 विद्यालय पाठ्क्रम सामग्री से युक्त टैबलेट्स प्रदान हुए थे, जिसके लिए सम्बंधित विद्यालयों में टैबलेब स्थापित की गई, जहां 4500 से अधिक छात्राएं परियोजना से लाभान्वित हो पाई।
मिशन बुनियाद परियोजना में राजस्थान शिक्षा विभाग व कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन (पीरामल फाउंडेशन) के साथ-साथ चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन, कन्वे-जीनियस व गवरनेंस डेवेलपमेंट इम्पेक्ट संस्थाएं भी सहयोग प्रदान कर रही है।