आम आदमी पार्टी ने बार-बार सरचार्ज लगाकर बिजली दरें बढ़ाने के विरोध में किया जोरदार प्रदर्शन
खजाना भरने की आड़ में आमजन को आर्थिक व मानसिक रूप से बर्बाद करने की कुनीतियों पर अंकुश लगाने की माँग
श्रीगंगानगर (राजस्थान/ हेमेन्द्र सिंह) आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष शंकर मेघवाल के नेतृत्व में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने आज राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा बार-बार सरचार्ज लगाकर बिजली दरें बढ़ाने के विरोध में जिला कलक्टर पर जोरदार प्रदर्शन किया। तत्पश्चात् जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर देश में सबसे महंगी बिजली दरों के बावजूद बार-बार सरचार्ज लगाकर उद्योगपतियों व सरकार का खजाना भरने की आड़ में आमजन को आर्थिक व मानसिक रूप से बर्बाद करने की कुनीतियों पर अंकुश लगाने की माँग की। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष शंकर मेघवाल, जिला सचिव एडवोकेट कुलविन्द्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष बलवीर सिंह सोनी, गंगानगर विधानसभा अध्यक्ष हेतराम छिम्पा, नगर अध्यक्ष बीएस राणा, युवा मोर्चा विधानसभा अध्यक्ष जसप्रीत सिंह बराड़, उपाध्यक्ष अक्षदीप सिद्धु, सह सचिव मोहित सेतिया, मीडिया प्रभारी वारिस मेघवाल, गंगानगर विधानसभा प्रभारी एडवोकेट विनोद गर्ग, सादुलशहर विधानसभा अध्यक्ष शमशेर सिंह बराड़, पंचायत अध्यक्ष ओमप्रकाश आचार्य, वार्ड अध्यक्ष उमेश शर्मा, बार एसोसिएशन पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट विक्रम पूनिया, वरिष्ठ सदस्य रमेश मोंगा, डॉ. सतपाल वर्मा, प्रदीप कुमार सोनी, गगनदीप सोनी, एडवोकेट अमित स्वामी, एडवोकेट साहिल चुघ, राकेश सेतिया, कृपाल सिंह, सूरज कुमार, स्टाम्प विक्रेता रामकुमार सोखल, एडवोकेट अशोक वर्मा, सोहनलाल जिनागल सहित भारी संख्या में आम आदमी पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जिलाध्यक्ष शंकर मेघवाल ने कहा कि राजस्थान की जनता देश की सबसे महंगी बिजली दरों से त्रस्त है। इसके बावजूद सरकार द्वारा बार-बार सरचार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। गत दिनों 33 पैसे प्रति यूनिट का फ्यूल सरचार्ज लगाकर आमजन का जीवन जीना दुर्भर कर दिया है। कोरोनाकाल में आमजन बेरोजगारी एवं काम-धंधों में मंदी के कारण पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान है। कोराना एवं डेंगू महामारी ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। राज्य सरकार बिजली चोरी पर अंकुश लगाने में विफल साबित हुई है तथा इसका खामियाजा ईमानदार उपभोक्ता को भुगतना पड़ रहा है। विद्युत विभाग के अधिकारी बिजली छीजत पर अंकुश लगाने की बजाय बार-बार आमजन से नाजायज रूप से वसूली कर रहे हैं। सरकार द्वारा उद्योगपतियों व खुद का खजाना भरने की चाह ने आम आदमी को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। राजस्थान की जनता आज महंगाई और सरकारी लूट से पीडि़त है। राजस्थान प्रदेश में बिजली पहले ही महंगी थी और अब फ्यूल सरचार्ज लगाने के फैसले ने कोढ़ में खाज का काम करते हुए प्रदेश की 1 करोड़ 52 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर 550 करोड़ रूपये अधिक चुकाने का बोझ डाल दिया। सरकार में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि गत दिनों मुख्यमंत्री के समक्ष सरेआम शिक्षकों ने स्थानान्तरण के मुद्दे पर भ्रष्टाचार का बोलबाला होने की बात पर समवेत स्वर में हामी भरकर उन्हें आईना दिखा दिया। राज्य में कांग्रेस पार्टी दोहरी मानसिकता का परिचय दे रही है। एक तरफ तो महंगाई के खिलाफ पदयात्रा निकाल रही है, परन्तु दूसरी तरफ महंगाई कम करने की बजाय बार-बार जनता पर महंगाई थोप रही है तथा इसका ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि महंगाई के लिए केन्द्र व राज्य सरकार दोनों ही जिम्मेवार हैं। कोरोनाकाल के बावजूद बार-बार पेट्रोल-डीजल पर वेट बढ़ाकर मात्र 4 रूपये तथा डीजल पर 5 रूपये प्रति लीटर वैट की कटौती करके आमजन के साथ भद्दा मजाक किया गया है।
जिलाध्यक्ष शंकर मेघवाल ने कहा कि पंजाब में बिजली की नई दरों और राजस्थान में वसूली जाने वाली दरों में भारी-भरकम अंतर हो गया है। सवाल उठता है कि कांग्रेस जब पंजाब में सस्ती बिजली दे सकती है तो राजस्थान में क्यों नहीं? आखिर राजस्थान में भी तो कांग्रेस की सरकार है। जबकि राजस्थान में देश में सर्वाधिक बिजली की दरें हैं। राजस्थान में भी दो वर्ष बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। सवाल उठता है कि राजस्थान में बिजली दरों में कटौती कब होगी? महंगी बिजली होने की वजह से राजस्थान में उपभोक्ताओं को भारी परेशानी हो रही है। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में दूसरे राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीजल की दरों में अब भी लगभग 17 रूपये प्रति लीटर का अंतर है। भारत में सबसे महंगा-डीजल पेट्रोल राजस्थान में मिल रहा है तथा राजस्थान में भी सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल श्रीगंगानगर जिले का किसान, आमजन खरीदने के लिए मजबूर है।
आम आदमी पार्टी ने पुरजोर शब्दों में मुख्यमंत्री से मांग की है कि अविलम्ब बिजली पर बार-बार लगाए जा रहे सरचार्ज को वापिस लेकर तथा पेट्रोल-डीजल पर वेट की दरें पड़ौसी राज्यों के समान करके आमजन को राहत प्रदान की जाए। अन्यथा महंगी बिजली व पेट्रोल-डीजल की दरों के विरोध में आम आदमी पार्टी सडक़ों पर उतरकर जन आंदोलन करेगी, जिसकी समस्त जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी।