भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने किया तहसीलदार यादव को ट्रैप, भाई के खाते में करवाए ऑनलाइन तीन लाख रुपए
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय के निर्देशन पर जयपुर, भीलवाड़ा और बूंदी एसीबी की टीमों ने मंगलवार को भीलवाड़ा तहसीलदार लालाराम यादव व दलाल के चार ठिकानों पर सर्च किया,। इस दौरान तकरीबन 17 लाख रुपये से अधिक राशि बरामद की गई। साथ ही तहसीलदार यादव व दो दलालों को डिटेन किया गया है। सूत्रों के अनुसार जमीन से संबंधित पक्षकारों को फायदा पहुंचाने को लेकर रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसे लेकर तहसीलदार व दलाल निगरानी में थे।
एसीबी के डीजी बी एल सोनी ने बताया कि भीलवाड़ा तहसीलरदार लालाराम यादव के खिलाफ काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि वे, जमीनों के मामले में पक्षकारों को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे। इस पर एसीबी ने तहसीलदार यादव व दलाल कैलाश धाकड़ व एक अन्य को निगरानी पर लिया गया था।
इसके बाद मंगलवार को एसीबी मुख्यालय टीम के साथ ही भीलवाड़ा व बूंदी की टीमों ने सर्च की कार्रवाई की। यह कार्रवाई लालाराम यादव के कमला विहार स्थित किराये के मकान, बिजौलियां क्षेत्र में दलाल के ठिकाने के साथ ही यादव के गांव में रहने वाले भाई के घर पर की गई। इस दौरान यादव के किराये के मकान से 5 लाख 37 हजार रुपये की नकदी व दस्तावेज, जबकि दलाल कैलाश धाकड़ के घर से 12 लाख से ज्यादा नगद और दस्तावेज बरामद किये।
इसके अलावा पक्षकार दीपक चौधरी के गांधीनगर स्थित आवास पर भी सर्च की दस्तावेज लिये गये। भीलवाड़ा में एसीबी स्पेशल यूनिट के डीएसपी शिवप्रकाश टेलर के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। डीजी सोनी ने बताया कि तहसीलदार व दो दलालों को डिटेन किया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। भीलवाड़ा और बिजौलियां में है बेशकीमती जमीनें
एसीबी स्पेशल यूनिट के डीएसपी शिवप्रकाश टेलर ने बताया कि जिन दो जमीनों को लेकर दीपक चौधरी के पक्ष में फैसला करवाना था, वे बेशकीमती जमीनें शहर में कांची रिसोर्ट के पीछे के क्षेत्र और बिजौलियां में स्थित है। इसका मुकदमा 13/2022 लालाराम यादव के पास चल रहा था। इन जमीनों का फैसला चौधरी के हक में कराने के लिए दलाल कैलाश धाकड़ बिचौलिये के रूप में काम कर रहा था।
एक पक्षकार से रिश्तेदार के खाते में लिये 3 लाख
डीजीपी सोनी ने बताया कि शिकायत के बाद निगरानी के दौरान एसीबी को पता चला कि तहसीलदार लालाराम यादव ने अपने निकटतम परिजन के खाते में एक पक्षकार से 3 लाख रुपये ऑनलाइन लिये हैं। सूचना को डवलप कर सूत्र एकत्रित किये। इसके बाद भृस्टाचार एक्ट का एक मामला भी सोमवार को दर्ज किया गया।
ये थी शिकायत डीजीपी सोनी ने बताया कि एसीबी के पास यह सूचना आ रही थी कि भीलवाड़ा के तहसीलदार लालाराम यादव जमीनों के संबंध में पक्षकारों को फायदा पहुंचाने के लिए दलालों के मार्फत रिश्वत मांग रहे थे। इस पर एसीबी ने तहसीलदार को निगरानी पर लिया हुआ था। पुष्टि होने पर एसीबी ने मंगलवार को सर्च कार्रवाई शुरू की। दलाल के घर से भी नकदी बरामद की गई है और पक्षकार के घर भी सर्च किया जा रहा है।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि तहसीलदार यादव को भीलवाड़ा में रहना शुरू से ही रास नहीं आ रहा था। वे यहां से जाना चाहते थे। तहसील कार्यालय में यादव को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि उनके चैंबर में भी भू माफियाओं का आना-जाना था। उनकी तहसील के कामकाज में भी घुसपैठ थी। वे अक्सर कार्यालय समय समाप्त होने के काफी देर बाद तक भी ऑफिस में बैठते थे। थे। यही वजह है कि लगभग 6 माह पहले भी वे पुनः बिजोलिया तहसीलदार के पद पर ट्रांसफर करवाने में कामयाब हो गए थे। राजस्व मंडल से जिस दिन सुबह ट्रांसफर ऑर्डर आए और वे शाम को जॉइनिंग करने वाले थे। उसी दिन शाम को यादव का ट्रांसफर निरस्त हो गया। इसके पीछे भी बिजोलिया क्षेत्र के ही कुछ लोगों का हाथ होना बताया जाता है। सूत्रों का कहना है कि तहसीलदार यादव को भीलवाड़ा में रहना शुरू से ही रास नहीं आ रहा था। वे यहां से जाना चाहते थे। तहसील कार्यालय में यादव को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि उनके चैंबर में भी भू माफियाओं का आना-जाना था। उनकी तहसील के कामकाज में भी घुसपैठ थी। वे अक्सर कार्यालय समय समाप्त होने के काफी देर बाद तक भी ऑफिस में बैठते थे।