निजी अस्पतालों की मनमानी व भ्रष्टाचार पर लगाई जाए रोक: सिंघवी
जयपुर (राजस्थान) विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि कोरोना महामारी के ईलाज हेतु सरकार को यह खुलासा करना चाहिए कि जयपुर सहित राजस्थान के अस्पतालों में कितने-कितने संसाधन उपलब्ध है। उन्होंने चिंता जाहिर की है कि जयपुर के फोर्टीस जैसे मंहगे अस्पताल में सिफारिश से और भ्रष्टाचार करके मरीज को बैड़ दिया जा रहा है वरना मरीजों को अस्पताल में बैड़ नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया जाता है। यहां तक कि गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं दिया जाता है। निजी अस्पतालों में गरीब व असहाय मरीजों को बैड़ नहीं दिया जाता है चाहे मरीज की जान ही चली जाएं। जयपुर के फोर्टीस जैसे अस्पतालों को मरीज के जान जाने की कोई चिंता नहीं है।
सिंघवी ने कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई में एक ओर तो पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों ने इस आपदा को कमाई का जरिया बना लिया है। महामारी के इस दौर में जहां पर कई संस्थाए व सामाजिक कार्यकर्ता आगे आकर मरीजों की सेवा कर रहे है वहीं फोर्टीस जैसे अस्पताल भारी भ्रष्टाचार करके मरीजों को लूटने में लगे है।
उन्होंने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण एवं एस्कॉर्ट फोर्टीस अस्पताल के बीच हुए समझौते के अनुसार जितने बैड़ गरीब व्यक्तियों के ईलाज के लिए रिजर्व रखने चाहिए वो नहीं रखे जा रहे हैं जबकि जेडीए की शर्तो में कुछ बैड़ गरीबों के लिए आरक्षित रखने और कुछ लोगों का नि:शुल्क ईलाज करने का प्रावधान रखा गया था। सिंघवी ने सरकार से निजी अस्पतालों का अधिग्रहण कर ईमानदार अधिकारियों की मॉनिटरिंग में समझौते के अनुसार गरीब मरीजों का ईलाज सुनिश्चित करवाए जाने की मांग की है।