उत्तरप्रदेश से डीजल पेट्रोल लाकर क्रेशर जोन में बेच, राजस्थान सरकार के राजस्व को लगा रहे चपत
अलीपुर एवं बल्लभगढ मार्ग के डीजल पम्प पर छाया सन्नाटा
भुसावर (भरतपुर, राजस्थान/ रामचन्द सैनी) उपखण्ड भुसावर के क्रेसर जोन घाटरी व अलीपुर में खुलेआम उत्तरप्रदेश प्रान्त से खनन सामग्री की आड में अनेक ट्रेक्टर-ट्राली मालिक व चालक एवं डम्फर चालक अवैध तरीके से ड्रम व पानी की टंकियों में डीजल-पैट्राॅल ला कर बेचा जा रहा है,जिस नजारा को प्रशासन, पुलिस एवं रसद विभाग के आलाधिकारी देखने के बाद भी चुप्पी लगाए हुए है,जिसका परिणाम राजस्थान सरकार तथा भुसावर-बल्लभगढ, अलीपुर-जसवर सहित अन्य सडक मार्ग पर संचालित पैट्राॅल पम्प मालिकों भोगना पड रहा है,उक्त मार्ग के कई पम्पों पर सन्नाटा छाया हुआ है और राज्य सरकार को राजस्व नुकसान उठाना पड रहा है। उक्त कोरोबार से भरतपुर, मथुरा, आगरा जिले सहित स्थानीय गांव के अनेक ट्रेक्टर-ट्राली एवं डम्फर मालिक व चालक जुडे हुए है,जो घाटरी व अलीपुर के्रसर जोन से खनन सामग्री ले जाते है और उधर से वापिस आते समय 4 से 6 ड्रम व अन्य प्रकार की टंकियों में डीजल व पैटाॅल भर ला कर राज्य में निर्धारित डीजल-पैट्राॅल की दर से 5 रू0 कम में बेच देते है,जिसे खरीदने वाले क्रेसर संचालक एवं चार व इससे अधिक पहियां वाले वाहन मालिक है। मथुरा के गांव मोरदा निवासी ट्रेक्टर-ट्राली मालिक व चालक तथा गांव घाटरी निवासी डम्फर चालक ने नाम उजागर नही करने की शर्त पर बताया कि खनन एवं डीजल-पैट्राॅल के कारोबार से प्रतिदिन चांदी हो रही है, इधर से मथुरा व अलीगढ जिले को ट्रेक्टर-ट्राली में क्षमता से अधिक के्रसर की गिटटी व डस्ट ले जाते है, उसका भाडा मय डीजल के 6से 10 हजार रू0 बन जाता है,जिस भाडा से हमको शुद्व लाभ 4 से 6 हजार रू की बचत हो जाती है और उधर से 4 से 6 ड्रम व टंकियांे में डीजल-पैट्राॅल ले आते है,
जिसको घाटरी व अलीपुर के्रसर जोन में बेचने से 4 रू से 6 रू का लाभ होता,एक ड्रम में 200 से 220 लीटर तथा टंकी में 300 से 500 लीटर आता है ,सप्ताह में एक या दो बार लाते है। गांव घाटरी निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि ट्रेक्टर-ट्राली एवं ढम्फर मालिक व चालक अवैध तरीके से उत्तरप्रदेश से डीजल-पैट्राॅल ला कर बेच रहे है,जिससे राज्य सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है,उक्त कोराबार से कई बार प्रशासन एवं रसद विभाग के आलाधिकारियों को अवगत करा दिया,लेकिन इस कारोबार पर अभी तक रोक नही लगी और ना ही कोई भी विभागीय कार्यवाही हुई, जिससे उक्त कारोबार में जुडे लोगों के हौंसले बुलन्द है। घाटरी जोन के एक पैट्राॅल के कर्मचारी ने बताया कि क्या करे सरजी जी पम्प पर सन्नाटा छाया रहता है,कुछ लोग उत्तरप्रदेश से डीजल-पैट्राॅल ला कर बेच देते है,जिसको खरीदने वाले के्रसर संचालक व बडे वाहन के मालिक अधिक है। पम्प पर प्रतिदिन 1000 से 1500 लीटर डीजल तथा 300 से 600 लीटर पैट्राॅल बिकता है,इस बिक्री से पम्प के कर्मचारी का वेतन एवं अन्य खर्चा की पूर्तियां नही होती है। हमारे पम्प पर 97.78 रू प्रति लीटर पैट्राॅल तथा 89.92 रू0 प्रति लीटर डीजल की दर है,जबकि उत्तरप्रदेश में 88.89 रू प्रति लीटर पैट्राॅल तथा 81.41 रू प्रति लीटर डीजल की दर है,जिसको हमारे इलाका में उत्तरप्रदेश के डीजल को 85 रू एवं पैट्राॅल 92 रू प्रति लीटर की दर से बेच रहे है।
जयपुर हाइवे पर चल रहा धन्धा
प्रशासन एवं रसद विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों की होटल व ढावा संचालकों मिली भगत से जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे-21 पर महवा से ऊंचा का नगला के मध्य कई ढावा व होटल पर तरीके से डीजल व पैट्राॅल सहित अन्य प्रकार के ईंधन तेल का कारोबार पनपने लगा है,उक्त कारोबार में जुडे लोग गुजरात प्रान्त से मथुरा रिफाइनरी व भरतपुर डिपो तथा अन्य स्थान को टेंकर में जाने वाले डीजल व पैट्राॅल सहित अन्य प्रकार के ईंधन तेल को टंेकर चालकों से सस्ते दर पर खलवा करे है,जो उसे डीजल व पैट्राॅल के निर्धारित दर से सस्ता में किसान व अन्य प्रकार के उद्योग संचालकों को बेच रहे है। गांव मोलोनी क ेपदम जाटव ने बताया कि जयपुर हाइवे पर कई ढावा संचालक अवैध तरीके से टेंकरों से तेल खलवा कर धन्धा कर रहे है,जो पूरी तरह से अवैध है,हवाई जहाज के ईंधन को पैट्राॅल के रूप में 60 से 80 रू प्रति लीटर तथा डीजल के रूप में अन्य प्रकार के ईंधन तेल को 45 से 60 रू प्रति लीटर बेचते है।