भगवान झूलेलाल का चालीस दिवसीय उत्सव सम्पन्न
खैरथल (अलवर,राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) सिन्धी समुदाय का चेटीचण्ड के बाद दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव चालीहा साहिब का गुरुवार को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए आरती व पल्लव पाकर समापन किया गया। पूज्य सिंधी पंचायत खैरथल सचिव गिरधारी लाल ज्ञानानी एवं पूज्य सिन्धी पंचायत खैरथल के वरिष्ठ प्रवक्ता हीरालाल भूरानी ने बताया की खैरथल में आनन्दनगर स्थित झूलेलाल मंदिर में बाबा शीतलदास लालवानी, किशनगढ़बास के बाबा बाबुलाल के सानिध्य में एवं पूज्य सिन्धी पंचायत खैरथल अध्यक्ष मुखी मनोहरलाल रोघा के नेतृत्व में आयोजित चालीहा साहब उत्सव 16 जुलाई से नियमित चल रहा था 40 दिन पूरे करने के बाद गुरुवार को दोपहर 12 बजे कन्याभोज के बाद समापन समारोह पर भगवान झूलेलाल का अक्खो आदि परवान करने के लिए अलवर के नटनी का बारा पर ले जाया गया जहाँ बाबा दयालदास प्रदनानी, बाबूलाल गोरवानी,बेबुराम बालानी, महेश आरतानी, बूलचंद मनवानी, मन्नू मंघवानी, तुलसीदास भूरानी, नत्थूमल रामनानी, राजकुमार दादवानी,चतर ज्ञानवानी, नारू रोघा, धरमु तलरेजा,लीलाराम भगतानी साहित सैकडों की संख्यां में श्रद्धालु, पूज्य सिन्धी पंचायत,भारतीय सिंधु सभा, झूलेलाल सेवा समिति के सेवादार बहराना साहिब के साथ जाकर पूरी श्रद्धा के साथ स्नान ध्यान कर जल देवता की पूजा अर्चना कर अक्खो आदि परवान किया।रात्रि 8 बजे झूलेलाल मंदिर में भंडारे काआयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया। खैरथल में भगवान झूलेलाल मंदिर में इस 40 दिवसीय उत्सव के तहत हर दिन सांय सैकडों की संख्या भक्तगण भगवान झूलेलाल की कथा व भजन कीर्तन और पूजा अर्चना कर पल्लव पाकर भामाशाहों की ओर से पारम्परिक रूप से स्वादिष्ट व्यंजनों का प्रसाद वितरण किया जाता है।