भगवान झूलेलाल का चालीस दिवसीय उत्सव,हर दिन पूजा और प्रसाद
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) सिन्धी समुदाय का चेटीचण्ड के बाद दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव चालीहा साहिब पूरे योवन पर चल रहा है।जिसमें हर दिन पूजा अर्चना और तरह तरह के व्यजंनों का भरपेट प्रसाद वितरण किया जाता हैं। खैरथल में आनन्दनगर स्थित झूलेलाल मंदिर में आयोजित चालीहा साहब उत्सव 16 जुलाई से नियमित चल रहा है जो 40 दिन पूरे कृने के बाद समापन समारोह पर भगवान झूलेलाल का अक्खोआदि परवान करने के लिए अलवर के जयसमंद पर जाएगें। इसमें सैकडों की संख्यां में श्रद्धालु व झूलेलाल सेवा समिति के सेवादार बहराना साहिब के साथ जाएगें।जहां पूरी श्रद्धा के साथ स्नान ध्यान कर जल देवता की पूजा अर्चना कर अक्खो आदि परवान किया जाएगा। खैरथल में भगवान
झूलेलाल मंदिर में इस उत्सव के तहत हर दिन सांय सैकडों की संख्या भक्तगण भगवान झूलेलाल की कथा व भजन कीर्तन और पूजा अर्चना कर पल्लव पाया जाता है। इसके बाद विविध स्वादिष्ट व्यंजनों का प्रसाद कोविड19 की गाईड लाइन का पालन करते हुए वितरण किया जाता है। प्रतिदिन वितरित होने वाले प्रसाद में मंदिर के पारंपरिक हलुआ,काले चने व ढोढा चटनी के अतिरिक्त दानदाताओं की तरफ से स्वादिष्ट व्यंजन कचोरी, खीर, मिठाईयां, इत्यादि का भरपूर वितरण किया जाता हैं। उत्सव में व्यवस्था को संभालने के लिए मंदिर के मंहत बाबा शीतलदास के निर्देशन में झूलेलाल सेवा समिति के सदस्य, पूज्य सिन्धी पंचायत के सदस्यों के अतिरिक्त समाज के लोग सेवाऐं देते है।