नए कृषि बिल के प्रावधानों को बेअसर करने के लिए गहलोत सरकार किसानों के लिए ला सकती हैं नए बिल
जयपुर
केंद्र सरकार ने हाल में कृषि विपणन से जुड़े विधेयक संसद में पेश किए जिन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून के रूप में लागू कर दिया गया। इन्ही कानून को बेअसर करने के लिए कांग्रेस शासित प्रदेश अपने-अपने राज्यों में इस तरह के बिल ला रहे हैं।
राजस्थान की गहलोत सरकार भी पंजाब सरकार की तर्ज पर नए संशोधित कृषि बिल लाने जा रही है। इसके लिए सरकार ने 31 अक्टूबर से विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया है। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि किसानों के हितों को संरक्षित रखने और कर्ज के मौजूदा प्रावधानों की दीवानी प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 60(1) में संशोधन करने जा रहे हैं। इस संशोधन से किसानों की 5 एकड़ तक की कृषि भूमि कुर्क नहीं की जा सकेगी।
बिल का ड्राफ्ट एक्जामिन के लिए विधि विभाग को भेजा
कृषि विभाग से जुडे़ सूत्रों के मुताबिक, संशोधित बिल का ड्राफ्ट तैयार कर एक्जामिन के लिए विधि विभाग को भेज दिया है। बिल के ड्राफ्ट में प्रावधान किया है कि किसान चाहे तो उनकी फसल खरीदने वाली कंपनी या फर्म से निर्धारित समय पूरा होने के बाद एग्रीमेंट को रद्द कर सकते हैं। यानी किसान को यदि अपनी फसल का मूल्य कहीं ज्यादा मिल रहा है तो वह उसे वहां बेचने के लिए स्वतंत्र रहेगा।